- छठ पूजा में कभी स्टील या शीशे के बर्तन यूज न करें
- छठ पूजा के दौरान घर में सात्विक खाना ही बनना चाहिए
- प्रसाद बनाते हुए नमक हाथ से छूना भी नहीं चाहिए
छठ मैया और सूर्य भगवान का मुख्य त्योहार छठ चार दिनों को होता है। चार दिन पहले से घर की साफ-सफाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। पूजा की शुरुआत होने से पहले ही घर में जहां छठ पूजा होनी हैं वहां खास तरह की तैयारी करनी होती है। उस कमरे में हर किसी का प्रवेश नहीं होता है।
केवल व्रती और पूजा करने वाले ही छठ पूजा वाले कमरे में जाते हैं, लेकिन यदि किसी ने व्रत नहीं किया तो भी घर में पवित्रता का खास ध्यान रखना होता है। चार दिन तक पूरे घर में बहुत सी सावधानी बरतनी होती है। खानपान से लेकर पूजा पाठ के तौर तरीके में भी। तो आइए जानें की छठ पूजा में भूल कर भी क्या गलती नहीं होनी चाहिए।
छठ पूजा में नहीं करें ये गलती
- सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा प्रयोग करें, लेकिन भूल कर भी चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक से के बर्तन से अर्घ्य नहीं दें।
- छठी मैया का प्रसाद बहुत ही शुद्धता के साथ बनाना होता है। उनका प्रसाद हमेशा ऐसे चूल्हे पर बनाएं जिसे ताजा लिपा गया है, हो यदि गैस पर बना रहे तो गैस स्टोव को अच्छी तरह से धो दें। पहले से बने चूल्हे पर कभी प्रसाद न बनाएं।
- व्रत के दौरान घर में कभी भी मांसाहार न बने, न केवल कोई इसे बाहर से लाकर खाए। साथ ही व्रत के दौरान घर में मदिरा आदि का सेवन भी वर्जित है।
- सूर्य को अर्घ्य देने से पहले कभी भी भोजन ग्रहण न करें। व्रती लोगों पहले और दूसरे दिन सूर्य को जल देने के बाद ही भोजन करें।
- घर में प्याज और लहसुन का प्रयोग चार दिन तक न करें। पूरे दिन सात्विक भोजन करें।
- छठी मैया से मांगी मनौती अगर पूरी हो गई है तो आपको अपनी मनौती को पूरा होने की विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। अन्यथा मैया के कोप भाजन का शिकार होना पड़ेगा।
- जिस जगह प्रसाद बन रहा वहां साधारण भोजन भी नहीं बनाना चाहिए। साथ ही उस स्थान पर खाना भी वर्जित है।
- छठ का व्रत करने वालों को जमीन पर चार दिन तक सोना चाहिए। छठ पूजा वाले कमरे में ही अपना आसान लगाएं।
- पूजा के दौरान अपने वाणी को संयमित रखें। अपशब्द बोलने से व्रत का फल कम होता है।
- घर में पूजा के दौरान झूठे बर्तन और गंदे कपड़ों का ढेर बिलकुल नहीं होना चाहिए।
- प्रसाद बनाते हुए नमक का हाथ भी किसी पूजा के वस्तु या प्रसाद से नहीं छूना चाहिए।
ये बहुत ही महत्वपूर्ण हिदायते हैं जिन्हे अपने जेहन में हमेशा रखें। यही कारण है कि छठ पूजा आम पूजा से बहुत कठिन माना गया है।