नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की वजह से महाराष्ट्र के बाद जिस राज्य में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है, वो है छत्तीसगढ़। यहां हर रोज आने वाले नए मामले रिकॉर्ड स्थापित कर रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। कल यानी 10 अप्रैल को राज्य में 14,098 नए मामले सामने आए, जो कि एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा हैं। वहीं 123 लोगों की मौत हुई, जो कि एक रिकॉर्ड है। दोनों ही मामलों में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है।
85860 एक्टिव मरीज
राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या 4,32,776 हो गई है। राज्य में वायरस से अब तक कुल 4777 लोगों की मौत हुई है। 1 अप्रैल को राज्य में 4600 से ज्यादा नए केस सामने आए थे, जो कि अब 10 दिन में ही 14 हजार से ज्यादा हो गए। 3,42,139 रोगी कोरोना से ठीक हो गए हैं। 85,860 मरीज अभी भी अस्पताल में हैं और ठीक हो रहे हैं।
इसी के चलते राज्य के कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत कई जिलों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।
श्मशानों में जगह हुई कम
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर ऐसा बरपा कि श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए शवों की लाइनें लगीं। दुर्ग जिला हो या बिलासपुर शवों के अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधामों में जगह तक नहीं मिल पा रही। शवों को जलाने के लिए जगह कम पड़ रही हैं। कई शव वेटिंग में हैं। मुक्तिधामों में लाशों का ढेर लगा हुआ है।
छत्तीसगढ़ आने वालों के लिए RT-PCR अनिवार्य
स्थिति बिगड़ती देख सरकार ने फैसला किया है कि हवाई मार्ग के साथ रेल से छत्तीसगढ़ आने वालों के लिए 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी। बिना निगेटिव रिपोर्ट के आने वालों की जांच होगी, एसओपी के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर या आइसोलेशन में रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोविड-19 परीक्षण की संख्या में इजाफा लाने और निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव रोगियों के उपचार के लिए जल्द ही एक पहल की जाएगी। बैठक में कहा गया, छत्तीसगढ़ में 10 लाख की आबादी पर प्रति दिन 1,435 परीक्षण किए जा रहे हैं, जबकि प्रतिदिन प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर परीक्षण किए जाने की राष्ट्रीय औसत 929 है।