- विकास का नया मॉडल बनेगा बुंदेलखंड
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्पपूर्ति में चित्रकूटधाम की भूमिका अहम
- योगी सरकार बुंदेलखंड को विकास के अभिनव मानक के रूप में स्थापित करना चाहती है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि बुंदेलखंड में जैविक खेती की संभावनाएं तलाशी जाएं। जीरो बजट खेती को प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बुंदेलखंड में विकास की असीम क्षमता है। उत्तर प्रदेश सरकार देश के सामने बुंदेलखंड को विकास के अभिनव मानक के रूप में स्थापित करना चाहती है। भौतिक विकास के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर और चित्रकूट को केंद्र मानकर पर्यटन विकास के विविध कार्य जारी हैं, हम बुंदेलखंड को जैविक खेती का हब बनाना चाहते हैं। इससे जहरीले रासायनिक खादों से मुक्ति तो मिलेगी ही, उत्पाद की कीमत अधिक मिलने से किसान भी खुशहाल होंगें।
संबंधित विभाग के अधिकारी किसानों को जैविक और जीरो बजट कृषि के प्रति जागरूक करें। इससे बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या अन्ना प्रथा से निजात भी मिलेगी और किसान अच्छे नस्ल के गोवंश पालने के लिए प्रेरित होंगे। अगर हम ऐसा कर सके तो पूरे देश में बुंदेलखंड की नई पहचान होगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चित्रकूट धाम मंडल के विकास कार्यों की जनपदवार समीक्षा करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' का जो संकल्प लिया है, चित्रकूट धाम उसका एक महत्वपूर्ण अवयव है। इस संकल्पपूर्ति में चित्रकूटधाम की भूमिका अहम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रस्तावित 'डिफेंस कॉरिडोर' का एक नोड चित्रकूट में ही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इस पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र में विकास की गति तीव्र होगी।
डकैतों के आतंक से मुक्त चित्रकूटधाम बनेगा विकास का मुहाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार बुंदेलखंड के हर घर के साथ घर खेत तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कार्यवाही तेजी से प्रचलित है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के अमल में आने पर हम हर खेत तक पानी पहुंचाने में सफल होंगें। मुख्यमंत्री ने किसानों से कम पानी में अधिक उपज के लिए सिंचाई की आधुनिक विधा स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाने की अपील की साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि चंदेल राजाओं द्वारा बनवाये गए तालाबों व बावड़ियों का जीर्णोद्धार कराएं।
मुख्यमंत्री ने हमीरपुर और महोबा में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है इसके लिए जनपदीय माइनिंग कोष का इस्तेमाल करें, जो राशि कम पड़ेगी, शासन से उपलब्ध कराई जायेगी। वहीं, बाँदा जनपद की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की राजापुर गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली है और लालापुर महर्षि वाल्मीकि की पुण्यस्थली है। इन दोनों को जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की जाएं। परिक्रमा मार्ग में कई स्थानों पर सड़क संकरी है। यहां के सम्बंधित लोगों के समुचित विस्थापन की व्यवस्था हो। उन्हें मुआवजा, आवास आदि प्रदान किया जाए। परिक्रमा मार्ग को सुगम बनाने की कार्यवाही हो। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चित्रकूट ने इस प्रकरण में शीघ्र कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि को, कृषि विश्वविद्यालय, बाँदा में नवीन फैकल्टी के चयन की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरी करवाने के निर्देश भी दिए साथ ही प्रमुख सचिव वन को निर्देशित किया कि जनपद चित्रकूट में मानिकपुर से कल्याणपुर होते हुए धारकुंडी आश्रम तक जाने वाले मार्ग (मध्य प्रदेश की सीमा तक) के निर्माण में आ रहे गतिरोधों को इस सप्ताहांत तक निस्तारित करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए विकास कार्यों को तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बरते जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विकास की गति को और तेज किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लम्बित प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृत किया जाए। सभी विकास कार्यों के साथ जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में कार्य के पूर्ण होने पर लागत में कमी आती है और जनता को विकास योजनाओं का समय से लाभ मिलता है।
जनहित है सर्वोपरि
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन आवश्यक है। इसके लिए टीम गठित की जाए। टाइम लाइन के अनुसार विकास कार्य पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। जनपदीय स्तर पर राजस्व संग्रह की स्थिति में सुधार अपेक्षित हैं। इसकी सतत समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी पटल पर 03 दिन से अधिक पत्रावली लम्बित न रहे। विभागीय मुख्यालय में पत्रावलियां 7 दिन से अधिक लम्बित न रहें। देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने जनसमस्याओं के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों का शीघ्र हो निस्तारण
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता आवश्यक है। इसलिए इससे जुड़े प्रकरणों में तत्काल निर्णय लेते हुए समाधान निकाला जाए। उन्होंने नदियों के जीर्णोद्धार तथा तालाबों के पुनरुद्धार कार्य को योजनाबद्ध तरीके से सम्पादित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चित्रकूटधाम के मंडलायुक्त एवं जनपद हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा और बाँदा के जिलाधिकारियों से जनपदों में संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब भी बुंदेलखंड में कोल-भील और अन्य जातियां को सरकार की सभी जनहित की योजनाओं से संतृप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। पात्रता के अनुसार उन्हें पेंशन दें, राशन कार्ड बनाबे के लिए आधार कार्ड आवश्यक नहीं, अगर वह स्थानीय निवासी है तो सत्यापन करके राशन कार्ड प्रदान करें।