- पैंगोंग सो झील के दक्षिणी हिस्से में सोमवार को फायरिंग की घटना सामने आई
- चीन ने इस घटना के लिए भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है
- सेना ने चीन के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है, एलएसी पार करने के दावों को खारिज किया
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो लेक के पास सोमवार रात हुई फायरिंग की घटना के बाद चीन बौखला गया है और वह भारत को खुलेआम धमकी देने लगा है। चीन के मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 'खून खराबे' का दौर शुरू होने की धमकी दी है। अखबार ने अपने एक लेख में कहा है कि सीमा पर स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है और दोनों पक्षों के बीच 'सीधी गोलीबारी होने की आशंका काफी बढ़ गई है।' चीन ने फायरिंग की घटना के लिए एक बार फिर भारतीय फौज को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि भारत की तरफ से एलएसी पार करने सहित उसके सभी आरोपों को खारिज किया गया है।
चीनी मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने दी धमकी
'ग्लोबल टाइम्स' के एडिटर इन चीफ हू शिजिन अपने लेख में पीएलए के बारे में डींगें हांकी हैं और भारत को एक कमजोर देश बताने की कोशिश की है। उन्होंने अपने लेख शुरुआत यह बताते हुए की है कि 'भारत-चीन सीमा के अग्रिम मोर्चों की स्थिति की जानकारी रखने वालों ने मुझे बताया कि विवाद वाली जगहों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का पूरा नियंत्रण है और युद्ध की सूरत में पीएलए निश्चित रूप से भारतीय फौज को हरा देगी। चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। इस बारे में चीन के नागरिक आश्वस्त हो सकते हैं।'
अखबार ने अग्रिम मोर्चे की स्थिति को नाजुक बताया
लेख में हू ने आगे कहा है, 'साल 1949 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की स्थापना के बाद से चीन ने कई युद्ध लड़े लेकिन ये जंग दुश्मन देश की नासमझी एवं पीएलए को कमजोर आंकने की उनकी गलती से हुए। 1962 के युद्ध से पहले चीन की सीमा का अतिक्रमण करने वाले और पीएलए को चुनौती देने वाले भारत को डर नहीं था लेकिन उसे युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी। आज की स्थिति 1962 के बहुत करीब है। जहां तक मुझे जानकारी है उसके मुताबिक अग्रिम मोर्चे की स्थिति काफी नाजुक है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी तौर पर एक-दूसरे को निशाना बनाए जाने की आशंका काफी बढ़ गई है।'
'भारतीय फौज की बड़ी कीमत चुकानी होगी'
लेख में आगे कहा गया है, 'मैं पूर्व सैनिक रह चुका हूं और चीनी सेना के साथ मेरे करीबी संबंध हैं। मैं भारतीय सेना को चेतावनी देता हूं कि पहली गोली पीएलए की तरफ से नहीं चलाई जाती लेकिन भारतीय फौज यदि हमारी तरफ गोली चलाती है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारतीय सेना यदि इस संघर्ष को बढ़ाने की कोशिश करेगी तो उसके ज्यादा सैनिक मारे जाएंगे। गलवान घाटी की हिंसा में 20 जवानों को खोने वाली भारतीय फौज का पीएलए से कोई सामना नहीं है। चीन सीमा पर शांति चाहता है और इसीलिए उसने बीते 30 सालों में कोई युद्ध नहीं लड़ा। कई देश इसे चीन की कमजोरी समझने की भूल कर रहे हैं।'
45 साल के बाद एलएसी पर हुई फायरिंग
बता दें कि बीते 45 वर्षों में यह पहला मौका है जब एलएसी पर फायरिंग की घटना सामने आई है। भारतीय सेना ने मंगलवार को अपने एक बयान में घटना के बारे में चीन के सभी आरोपों एवं दावों को खारिज किया। सेना ने कहा, 'पीएलए के सैनिक एलएसी के समीप हमारे एक अग्रिम पोस्ट के नजदीक आने की कोशिश कर रहे थे, यह देखकर जब हमारे जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं।' सेना ने कहा, 'पीएलए की तरफ से उकसाने वाली गंभीर कार्रवाई होने के बावजूद हमारे जवानों ने अत्यंत संयम बरता और एक परिपक्व एवं जिम्मेदार बल के रूप में व्यवहार किया। फायरिंग हमारी तरफ से नहीं की गई।'