- हाल के दिनों में भारत और चीन के बीच रिश्तों में और तल्खी आ गई है
- पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
- राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत शांति चाहता है लेकिन युद्ध के लिए भी तैयार है
नई दिल्ली : चीन अपनी पुरानी रणनीति के तहत अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए समय-समय पर प्रोपगैंडा वीडियो जारी करता रहता है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना को डराने के लिए पिछले दिनों उसने कई प्रोपगैंडा वीडियो भी जारी किए लेकिन भारत उसके झांसे में नहीं आया बल्कि सीमा पर चीन को उसकी हिमाकत का करारा जवाब मिला। पूर्वी लद्दाख में भारतीय जवानों के हाथों मिल रही शिकस्त से बौखलाया चीन भारतीय सैनिकों का मनोबल कमजोर करने के लिए नया हथकंडा अपनाया है।
फिंगर-4 की चोटियों पर लाउडस्पीकर लगाए
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक पीएलए ने फिंगर-4 की चोटियों पर लाउडस्पीकर लगाए हैं और इन पर वह पंजाबी गाने बजा रही है। इसी तरह के लाउडस्पीकर चीनी सेना ने चुशूल सेक्टर के मोल्डो गैरिसन पोस्ट पर लगाए हैं। इन लाउडस्पीकरों के जरिए पीएलए कह रही है कि भारतीय सेना अपने राजनीतिक अकाओं के हाथों मूर्ख न बने।
'शुद्ध हिंदी' का इस्तेमाल कर रहा पीएलए
रिपोर्ट के मुताबिक पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में भारतीय सेना तक अपनी बात पहुंचाने के लिए चीन 'शुद्ध हिंदी' का इस्तेमाल कर रहा है। पीएलए लाउडस्पीकरों के जरिए यह कह रही है कि दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के निर्देशों का पालन करने के लिए भारतीय सैनिक सर्दी के दिनों में ऊंची पहाड़ियों पर बैठेंगे। इन सबके पीछे पीएलए की मंशा भारतीय सैनिकों का मनोबल कमजोर करने की है। पीएलए भारतीय सैनिकों में असंतोष पैदा करना चाहती है। उसका यह भी कहना है कि भारतीय फौज को गर्म भोजन और जरूरी लॉजिस्टिक नहीं मिलता है और आने वाले समय में यहां सर्दी पड़ने वाली है।
सेना ने पुख्ता की है अपनी तैयारी
भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के ताजा हालात की जानकारी संसद को दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि गत अप्रैल-मई महीने से चीन की सेना द्विपक्षीय करारों का उल्लंघन करते हुए एलएसी पर बदलाव करने की एकतरफा कोशिश की। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन वह युद्ध के लिए भी तैयार है। इस बीच, सेना ने एलएसी के अपने अग्रिम मोर्चों पर अपनी तैयारी और तेज कर दी है। वायु सेना के परिवहन विमान सेना के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचा रहे हैं।