- चीन और भारत के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटना शुरू किया: चीनी रक्षा मंत्रालय
- दोनों पक्ष टैंक और बख्तरबंद वाहनों जैसी इकाइयों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में हैं
नई दिल्ली: चीन ने दावा किया है कि लद्दाख में पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी तट पर चीनी और भारतीय सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। चीनी मीडिया ने चीनी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा है कि सैन्य कमांडर-स्तरीय वार्ता के नौवें दौर के दौरान बनी आम सहमति के अनुसार सेनाओं का पीछे हटना शुरू हो गया है।
ग्लोबल टाइम्स ने चाइना मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस के हवाले से ट्वीट किया, 'पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे पर चीनी और भारतीय सीमा सैनिकों ने बुधवार को योजना के अनुसार पीछे हटना शुरू कर दिया है। कमांडर स्तर की 9वें दौर की वार्ता के दौरान इस पर सहमति बनी थी।'
Times Now को मिली जानकारी के अनुसार, सेनाओं की इस वापसी में बख्तरबंद वाहन शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि बख्तरबंद कर्मियों के वाहनों और टैंकों को एलएसी से चीन द्वारा वापस ले जाया जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीन के पास लगभग 350 टैंक हैं। इनमें ZTZ-99 और ZTZ-88 टैंक और इनफैंट्री कॉम्बैक्ट वाहन शामिल हैं।
घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि टकराव वाले स्थलों से बख्तरबंद इकाइयों की वापसी जैसे विशिष्ट कदमों पर 24 जनवरी को 16 घंटे तक चली नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता में गहन चर्चा हुई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने इस बीच, ट्वीट किया कि मंत्री पूर्वी लद्दाख में स्थिति के बारे में बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बयान देंगे। इसमें कहा गया, 'रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के बारे में कल राज्यसभा में बयान देंगे।'
हालांकि भारतीय पक्ष की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी उपलब्ध नहीं है। यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि दोनों देशों के बीच पिछले साल अप्रैल/मई में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शुरू हुए गतिरोध को हल करने के लिए अभी तक नौ दौर की वार्ता की है।