- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में व्यापार और आयात निर्यात से संबंधित दफ्तर
- करेंसी एक्सचेंज एवं मनी ट्रांसफर समेत कई सुविधाएं होंगी उपलब्ध
- राज्य के उत्पादों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाजार, बनेगी अलग पहचान
Jharkhand News : झारखंड व्यापक संभावनाओं वाला राज्य है। इस कड़ी में यहां के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को देश-दुनिया से जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियां एक ही छत के नीचे से संचालित होंगी। यह सेंटर यहां की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगा।
दशकों से चली आ रही हैं औद्योगिक गतिविधियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से संपन्न राज्य है। यहां कोयला- लोहा से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इस वजह से यहां औद्योगिक गतिविधियां दशकों से चली आ रही हैं। टाटा, बिड़ला और डालमिया समेत कई औद्योगिक व्यावसायिक समूह के उद्योग और कंपनियां यहां स्थापित हैं। देश के उद्योगों को खड़ा करने वाला और "मदर फैक्ट्री" के नाम से दुनिया में विख्यात एचईसी इसी रांची में है। इन उद्योगों को अब व्यापार-निर्यात से जुड़ी सारी सुविधाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम से देने की दिशा में राज्य ने कदम बढ़ा दिया है। अब ये कदम रुकेंगे नहीं बल्कि अनवरत आगे बढ़ेंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना विशेष प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है। यहां के ग्रामीण परिवेश में लोग विविध गतिविधियों में जुड़े हुए हैं। इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इस सिलसिले में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को पलाश ब्रांड के माध्यम से बाजार में लाया गया है। ये उत्पाद बड़े बड़े मॉल और शॉपिंग कंपलेक्स में मिल रहे हैं। पलाश ब्रांड के टर्नओवर को एक हजार करोड़ रुपए सालाना करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है।
वन उत्पादों को बढ़ावा, उत्पादकों को सीधा फायदा देने की हो रही कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वन उत्पादों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। अब तक यह देखने को मिला है कि यहां के स्थानीय उत्पादों को बाजार नहीं मिलने की वजह से लोग उन्हें काफी कम कीमत में बेच देते हैं। वहीं, दूसरे राज्यों की बड़ी-बड़ी कंपनियां इन उत्पादों को खरीद कर हमारे ही राज्य में महंगे मूल्य पर बेचने का काम कर रही हैं ।सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है। अब यहां के वन एवं अन्य उत्पादों का सीधा फायदा उत्पादकों को मिले, इस दिशा में सरकार कार्य योजना बना रही है।
रोजगार के लिए पलायन ना हो, अपने ही घर में लोगों को दे रहे हैं काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में बच्चे -बच्चियां रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करती हैं। वहां इनका शोषण किया जाता है।