लाइव टीवी

Computer Baba: संतों की हत्या के विरोध में 'कम्प्यूटर बाबा' ने रमाई धूनी,सीएम योगी से किए सवाल

Updated Apr 29, 2020 | 16:02 IST

Computer Baba fumed: कम्प्यूटर बाबा खासे चर्चित हैं और एक बार फिर वो सुर्खियों में हैं,  पालघर और बुलंदशहर में संतों की हत्या के मामलों को लेकर उन्होंने विरोध में धूनी रमाई और यूपी के सीएम योगी से सवाल किए हैं।

Loading ...
कम्प्यूटर बाबा ने इंदौर की गोमटगिरि की पहाड़ियों पर बने अपने आश्रम में एक शिष्य के साथ कंडे जलाकर धूनी रमाई

इंदौर: मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कम्प्यूटर बाबा ने बुधवार को यहां तपती धूप में धूनी रमाई। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश में साधु-संतों की हत्या की हालिया घटनाओं पर विरोध जताया। कम्प्यूटर बाबा ने शहर की गोमटगिरि की पहाड़ियों पर बने अपने आश्रम में एक शिष्य के साथ कंडे जलाकर धूनी रमाई।

धूनी के पास पालघर और बुलंदशहर में संतों की हत्या के मामलों के खिलाफ अलग-अलग नारे लिखी तख्तियां रखी थीं। वहां तिरंगा झंडा भी लगाया गया।वैष्णव संप्रदाय (अपने इष्ट देव के रूप में भगवान विष्णु को पूजने वाले हिंदू मतावलम्बी) के संत ने कहा, "केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य सरकारों को साधु-संत समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।"

कम्प्यूटर बाबा ने बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना भी साधा।

उन्होंने कहा, मैं योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में राम राज्य है या रावण राज्य?' बाबा ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण खासकर दूरस्थ इलाकों में कुटिया बनाकर रहने वाले साधु-संतों को भोजन मिलने में बड़ी समस्या हो रही है और सरकार को इसकी सुध लेनी चाहिए।

कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने उन्हें नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिए गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था।इससे पहले, राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ने कम्प्यूटर बाबा समेत पांच धार्मिक नेताओं को अप्रैल 2018 में राज्य मंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन कम्प्यूटर बाबा ने इसके कुछ समय बाद यह आरोप लगाते हुए इस दर्जे से इस्तीफा दे दिया था कि तब के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा को स्वच्छ रखने और इस नदी से अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के मामले में संत समुदाय से "वादाखिलाफी" की है।

नर्मदा नदी की कथित बदहाली के प्रमुख मुद्दे पर कम्प्यूटर बाबा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संतों को राज्यभर में लामबंद करने का अभियान चलाया था। लोकसभा के पिछले चुनाव में उन्होंने भोपाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए थे।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।