कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए जो समिति बनाई थी, उसकी आज पहली बैठक हुई थी। बैठक में कमेटी के चेयरमैन दिग्विजय सिंह, प्रियंका गांधी सहित सभी सदस्य मौजूद थे। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार के खिलाफ आंदोलन को धार और तेज करने के लिए इस कमिटी की घोषणा की थी।
दरअसल कांग्रेस नेतृत्व को भी इस बात का एहसास है कि जिस तरह से जमीन पर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने लिए मुद्दों के आधार पर प्रदर्शन होना चाहिए वो नही हो रहा है। इसलिए मुद्दों के चयन, प्रदर्शन की रणनीति तैयार करने को जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और प्रियंका गांधी को दी गई है। कमेटी की आज पहली बैठक हुई। सभी सदस्य को अपने साथ मुद्दों और सुझावों के साथ आने को कहा गया था। सूत्रों के मुताबिक ये तय किया गया कि 2022 के विधानसभा चुनाव खासकर उत्तर प्रदेश और गुजरात मे भाजपा को घेरने की ठोस रणनीति बनाई जाए। चूंकि आज पहली बैठक थी इसलिए ये तय हुआ कि प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार कर मंजूरी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा जाय।
आज हुई कमेटी की बैठक में कई सारे एजेंडों, रणनीति और लक्ष्य पर चर्चा हुई। लेकिन आखिर में कुछ खास मुद्दों पर फोकस रखने पर सहमति बनी।
बैठक का एजेंडा
- प्राइस राइज
- बेरोजगारी
- कृषि कानून
- पेगासस और राफेल
- सेडिशन कानून
- कोरोना मिसमैनेजमेंट
- कास्ट सेन्सस
- नो EVM
- 60-80 लाख खाली पड़े सरकारी नौकरी
स्ट्रेटेजी
- मोदी को काउंटर करने के लिए राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाय
- धरना, रैली और सेमिनार किए जाएं
- सोशल मीडिया का इस्तेमाल
- सरकार के खिलाफ असहयोग की रणनीति
- सिविल सोसाइटी और NGO को शामिल करना
- SC/ST/OBC और माइनॉरिटी को कांग्रेस संगठन में तरजीह दी जाए
टारगेट
- दलितों को पार्टी से फिर जोड़ा जाए
- 10 लाख बूथ तक पहुंचना
- देश की जाति आधारित संस्थाओं तक पहुंचना। NGO को टारगेट करना
- पार्टी छोड़ कर गए पुराने कांग्रेसी नेताओं को दोबारा पार्टी में शामिल करना
- देशभर में बूथ कमेटी बनाना