लाइव टीवी

The Kashmir Files:कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर सियासी फजीहत झेल रही कांग्रेस संसद में करने जा रही ये काम

रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Mar 28, 2022 | 19:50 IST

voice of Kashmiri Pandits in Parliament:'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर सियासी फजीहत झेल रही कांग्रेस कश्मीरी पंडितों की आवाज अब संसद में उठाने जा रही है

Loading ...
कश्मीर फाइल्स को लेकर कांग्रेस संसद में करने जा रही ये काम

कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के 30 साल बाद बनी बनी फिल्म कश्मीर फाइल्स कांग्रेस के सियासी फजीहत का सबब बनती जा रही है। बीजेपी और सरकार इस फ़िल्म के जरिए कांग्रेस को कश्मीरी पंडितों के पलायन का जिम्मेदार बता रही है। ऐतिहासिक साक्ष्य जो भी हो लेकिन कश्मीर फाइल्स फिल्म में कश्मीरी पंडितों और कश्मीर की समस्या के लिए नेहरू और कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों ने कश्मीर फाइल्स फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। हाल ही प्रधानमंत्री ने भी इस फिल्म का जिक्र कश्मीरी पंडितों दर्द और पलायन के लिए पूर्व की सरकारों को जिम्मेदार बताया।

कश्मीर फाइल्स फिल्म कांग्रेस के लिए सियासी हड्डी बन गया है। पार्टी के नेता बार-बार ये कह रहे है की कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त केंद्र में वी पी सिंह की सरकार थी, जिसे बीजेपी ने बाहर से समर्थन दे रखा था। उस वक्त कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन थे।  कांग्रेस ये भी हवाला दे रही है की किस तरह उस वक्त राजीव गांधी ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर संसद का घेराव किया। लेकिन कांग्रेस की इन दलीलों का न तो कश्मीरी पंडितों पर हो रहा है और ना ही वो अपने उपर लगे सियासी कलंक को धो पा रही है। 

The Kashmir Files: किराए के अपार्टमेंट में रहते हैं अनुपम खेर, इस वजह से सात साल पहले लिया था फैसला

संसद के बजट सत्र के दौरान कश्मीर फाइल्स का आना और उसको लेकर एक नई बहस की शुरुआत होना, इतिहास की अदालत में कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करती है। पार्टी अब इस मुद्दे पर अपने सांसदों के जरिए संसद में बहस करना चाहती है। क्योंकि इस फिल्म को लेकर तो सीधे संसद के नियमों के तहत बहस नहीं हो सकती इसलिए अब कांग्रेस के कुछ सांसद प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए कश्मीरी पंडितों का मुद्दा सदन में लाना चाहती है।

'भोपाली' मतलब "होमोसेक्सुअल" बयान देकर मुश्किलों में घिरे द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री,शिकायत दर्ज

ऐसे ही एक सांसद है मध्यप्रदेश से विवेक तनखा जिन्होंने फैसला किया है की वो 1 अप्रैल को राज्यसभा में कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल मूव करेंगे।तनखा का मानना है की अगर बिल पर बहस हुई तो सारे ऐतिहासिक साक्ष्य वो सदन के पटल पर रखेंगे और सरकार और बीजेपी जो आज कश्मीरी पंडितों की हिमायती बन रही है वो उसे झुठला नही पाएंगे। 

देखिए क्या होगा 1 अप्रैल को अगर विवेक तनखा का प्राइवेट मेंबर बिल बहस स्वीकार कर लिया जाता है–

#कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर सियासी फजीहत झेल रही कांग्रेस कश्मीरी पंडितों की आवाज अब संसद में उठाने का मौका मिल जाएगा।

#कांग्रेस सांसद प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए कश्मीरी पंडितों की आवाज तो उठाएंगे ही, सरकारी दस्तावेज और उस वक्त की सरकार पर दोष मढ़ने का मौका मिल जाएगा।

#विवेक तनखा 1 अप्रैल को प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए मोदी सरकार से कश्मीरी पंडितों को सरकारी सहायता और घर वापसी को लेकर पिछले सात साल में उठाए गए कदमों का हिसाब मांगेंगे।

#विवेक तनखा सदन में बीजेपी सांसदों से कहेंगे की अगर वो कश्मीरी पंडितों की सही मायने में हितेषी है तो उनके बिल का समर्थन करे।

#कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस की कोशिश यही है की कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंघार से अपने दामन को पाक साफ रखना। ऐसा होता तो फिलहाल नहीं दिख रहा। कश्मीर फाइल्स फिल्म ने कश्मीरी पंडितों के जख्म को एक बार फिर हरा कर दिया है। बीजेपी की कोशिश है की इसका सियासी खामियाजा कांग्रेस के माथे मंढा जाय। वही कांग्रेस के पास संसद के भीतर बहस के जरिए अपनी बात कहने का मौका है, बशर्ते उसके सांसदों के प्राइवेट मेंबर बिल पर सदन में चर्चा हो सके।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।