- 3 साल सें कांग्रेस का अध्यक्ष पद खाली है।
- गांधी परिवार आजादी के बाद सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है।
- 2014 के बाद कांग्रेस 36 चुनावों में हार चुकी है।
Congress Protest and ED Case against Sonia and Rahul Gandhi:अगर आपात काल का वह दौर जब पूरे देश में इंदिरा गांधी और संजय गांधी के खिलाफ गुस्सा था, और फिर 19 दिसंबर 1978 कe वह दिन जब इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी हुई थी, को छोड़ दिया जाय तो आजादी के बाद गांधी परिवार के लिए, व्यक्तिगत स्तर पर शायद ही कोई बड़ी चुनौती खड़ी हुई है। लेकिन इस समय नेशनल हेराल्ड और यंग इंडियन केस में ईडी के हर रोज बढ़ते शिकंजे ने गांधी परिवार को अब तक के सबसे बड़े मुश्किल में डाल दिया है। और यह मुश्किल अगर और बढ़ी तो इसका उसका कांग्रेस पार्टी पर भी सीधे तौर पर दिखाई देगा।
भले ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद करीब तीन से खाली हो लेकिन पार्टी की राजनीति गांधी परिवार के ही इर्द-गिर्द घूमती रहती है। और 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले 11 राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। इसमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ दो ऐसे राज्य हैं जहां पर उनकी सरकार है। जबकि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद वह गंवा चुकी है।
कौन होगा कांग्रेस अध्यक्ष
ईडी की तलवार सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों पर लटक रही है। और भाजपा इसी को लेकर उन लगातार हमला करती रहती है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर बाहर है। जाहिर है जिस तरह हाल के दिनों में ईडी ने राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ के साथ नेशनल हेराल्ड का ऑफिस सील किया है। उससे साफ है कि उसके पास केस को लेकर पुख्ता सबूत हैं। और इसको लेकर आने वाले दिनों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
विपक्ष में भी अलग-थलग कांग्रेस ! ये 2 राजनीतिक कदम दे रहे हैं गवाही
इस बीच ऐसी संभावना है कि 20 अगस्त के बाद कांग्रेस पार्टी, लंबे समय से खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू कर सकती है। और ऐसी संभावना है कि सितंबर में कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल जाएगा। अब देखना यह है कि अध्यक्ष गांधी परिवार से बनता है या फिर कोई और कमान संभालता है। लेकिन तय है कि अगर इसमें देरी हुई तो कांग्रेस को इसका नुकसान 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले 11 विधान सभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है।
गुजरात और हिमाचल में पहली परीक्षा
कांग्रेस की पहली परीक्षा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाली है। इन दोनों राज्यों इस साल विधान सभा चुनाव होंगे। और इन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन आगे के चुनाव की दिशा तय करेगा। गुजरात में कांग्रेस पिछले 27 साल से सत्ता से बाहर है। ऐसे में एक बार फिर वह भाजपा को हराने की कोशिश करेगी। लेकिन इस बार का चुनाव पार्टी के लिए काफी चुनौती भरा हो सकता है। क्योंकि चुनावों में आम आदमी पार्टी की एंट्री हो गई है। और नगर निगम चुनावों में उसके प्रदर्शन से भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को बड़ा मुश्किल हो सकती है। खास तौर पर जब उसके नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। पाटीदार आंदोलन से निकले हार्दिक पटेल कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
जहां तक हिमाचल प्रदेश का रिकॉर्ड है वहां पर हर 5 साल में सत्ता बदलती है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए इस बार का चुनाव अच्छा मौका है। नवंबर 2021 में हुए उप चुनावों के नतीजे कांग्रेस की उम्मीदें जगाते हैं। जिसमें उसने तीनों विधानसभा सीट और एक मात्र लोक सभा सीट पर हुए चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह राज्य में कांग्रेस की राह बहुत आसान नहीं है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित ये राज्य बड़ी चुनौती
कांग्रेस के लिए इसके अलावा 2023 के राजस्थान, छत्तीसगढ़ चुनाव बेहद अहम हैं। क्योंकि यही दो राज्य हैं जहां पर वह अपने दम पर सरकार में हैं। लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तकरार, इसी तरह छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टी.एस.सिंहदेव की तकरार पार्टी के लिए चुनावों में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान का मजबूत होना ही आंतरिक संघर्ष को रोक पाएगा। इसी तरह मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद पार्टी आंतरिक कलह की वजह से सत्ता गंवा चुकी है। वहां भी गांधी परिवार के नेतृत्व क्षमता पर सबकी नजर रहेगी। इसके अलावा मिजोरम, त्रिपुरा, तंलेगाना,मेघालय और नागालैंड में भी लोक सभा चुनावों के पहले विधानसभा चुनाव हैं और इनमें पार्टी का प्रदर्शन 2024 में विपक्ष में कांग्रेस की भूमिका की तस्वीर साफ करेगा।
2014 से 36 चुनाव हार चुकी है कांग्रेस
अगर देखा जाय तो साल 2014 से कांग्रेस के चुनावी अभियान का नेतृत्व सीधे तौर पर राहुल गांधी के पास है। इसके अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में चुनाव की कमान प्रियंका गांधी के पास रही। पिछले 8 साल में कांग्रेस 36 चुनाव हार चुकी है। ऐसे में गांधी परिवार पर ईडी संकट और पार्टी का राजनीतिक संकट एक साथ खड़ा हो गया है। इस बीच आने वाले चुनाव पार्टी की दिशा तय करेगी। लेकिन ईडी का कार्रवाई भी बड़ा असर डालेगी।