नई दिल्ली : करोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में इसकी संख्या 100 से पार पहुंच गई है। लेकिन निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए लोगों में संक्रमण पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया। तबलीगी जमात की लापरवाही को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक्शन लेने शुरू कर दिया है। मौलाना शाद समेत निजामुद्दीन मरकज में जमात के आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दूसरी ओर 23 मार्च का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि दिल्ली पुलिस का एक सीनियर अधिकारी निजामुद्दीन मरकज के सदस्यों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे यहां आने वालों से अपने घर वापस जाने को कहें ताकि कोरोना वायरस को रोकने के लिए सामाजिक दूरी कायम रखने के लिए सरकारी आदेशों का पालन हो सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वीडियो 23 मार्च को हजरत निजामुद्दीन के थाना प्रभारी (SHO) कार्यालय में बनाया गया था।
एसएचओ मरकज के सदस्यों को दी थी चेतावनी
वीडियो में हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ मुकेश वालिया जमात के कुछ सदस्यों चेतावनी दे रहे हैं कि सभी धार्मिक स्थल बंद हैं और किसी एक जगह पर 5 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते। वह मरकज के सदस्यों से कह रहे हैं कि इसके बावजूद उनकी इमारत में बड़ी संख्या में लोग जमा हैं और यदि वे पुलिस की बात नहीं मानेंगे तो पुलिस को उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी। वीडियो में पुलिस अधिकारी मरकज के सदस्यों को इलाकों को खाली करने का एक नोटिस भी दिखा रहे हैं।
SHO ने सामाजिक दूरी के बारे में भी समझाया
वीडियो में एसएचओ मरकज के सदस्यों को सामाजिक दूरी बनाने की जरूरत के बारे में समझा रहे हैं और इमारत में रह रहे लोगों को निकालने के लिए एसडीएम से संपर्क करने को कह रहे हैं। बैठक के दौरान मरकज के सदस्यों में से एक SHO को बीच में रोकता है और कहता है कि उन्होंने 1,500 लोगों को निकाल दिया है लेकिन लखनऊ, बिजनौर और वाराणसी के1000 लोग अभी भी इमारत में हैं। वीडियो में सदस्य कह रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण यहां आने वाले इमारत खाली करने में असमर्थ हैं।अधिकारी उनसे कह रहे हैं कि वह एसडीएम से इस बारे में बात करेंगे।
आप ने पुलिस पर लगाए थे आरोप
गौर हो कि वीडियो जारी होने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक अमानतुल्ला खान और आतिशी ने पुलिस पर इलाके को खाली न कराने और कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था।