नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन के जरिए मुहिम चलाई जा रही है तो उसके ठीक उलट देश के आठ राज्यों में कोरोना के बढ़ते हुए मामले चिंता भी बढ़ा रहे हैं। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को सलाह दी है कि एक बार फिर टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम बड़े लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम हो जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय टीम पंजाब और महाराष्ट्र के दौरे पर भी हैं।
इन राज्यों ने बढ़ाई चिंता
महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक और तमिलनाडु वो राज्य हैं जिनमें कोरोना के बढ़ते हुए मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय टीम उन राज्यों का दौरा कर रही है जहां कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है। टीम यह समझने की कोशिश कर रही है आखिर वो कौन सी वजह है जिसके बाद केस बढ़े हैं। अगर बात पंजाब की करें तो एक फरवरी को 192 केस थे जबकि 6 मार्च को ये बढ़कर 808 हो गए। इसी तरह से महाराष्ट्र में 2, 585 से बढ़कर ये मामले 10, 200 हो गए।
कोरोना की जमीनी तस्वीर
- पांच राज्यों में अकेले कोरोना के 82 फीसद नए केस दर्ज किए गए हैं।
- शनिवार को कुल 18, 327 केस आए और 108 लोगों की मौत हो गई।
- मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र से आने वालों के लिए निगेटिव आरटीपीसीआर जरूरी किया।
- राजस्थान सरकार ने आंगनवाणी के पांचवीं तक की कक्षाओं को 31 मार्च तक बंद किया।
टीकाकरण में भी आई तेजी
दूसरे चरण में टीकाकरण के 6 दिन बीत चुके हैं और बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं। 5 मार्च को सर्वाधिक 15 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ। इस तरह से देश में 1.94 करोड़ लोगों की टीकाकरण हो चुका है। जानकारों का कहना है कि कोरोना टीकाकरण को लेकर थोड़ी बहुत जो भी भ्रांति थी अब वो खत्म हो चुकी है। 1 मार्च को पीएम मोदी के टीकाकरण के बाद लोगों में भरोसा बढ़ा है और उम्मीद की जानी चाहिए भारत जुलाई 2021 तक अपने टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा।