- कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर पूरे बिहार में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित
- देश की कई राज्य सरकारें अपने राज्यों में कर चुकी हैं लॉकडाउन
- बिहार में अभी तक कोरोना के दो मामले आए हैं सामने, एक की हो चुकी है मौत
पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए अधिकतर राज्य सरकारों ने अपने राज्यों को लॉकडाउन करने का निर्णय लिया है और अब इस सूची में बिहार का नाम भी शामिल हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि बिहार में सभी जिला मुख्यालयों, नगरपालिका शहरों और ब्लॉक मुख्यालयों में 31 मार्च तक लॉकडाउन लागू होगा। इससे पहले दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्य अपने यहां लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं
डट कर करेंगे मुकाबला
अपने संदेश में सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'कोरोना वायरस की वजह से पूरी मानव जाति संकट में है हम सब इस महामारी का डट कर मुकाबला कर रहे हैं। आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सचेत रहना बेहद जरूरी है और इसका सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टेंसिंग हैं।'
ये सुविधाएं रहेंगी बंद
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से आमलोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक तक के लिए सभी जिला मुख्यालयों, सभी अनुमंडल मुख्यालयों, सभी प्रखंड मुख्यालयों और सभी नगर निकायों को लॉकडाउन करने का फैसला लिया है। इस दौरान निजी प्रतिष्ठान, निजी ऑफिस औऱ सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहेगा। लेकिन चिकित्सा, खाद्यान्न, डेयरी, पेट्रोल पंप, एटीएम, पोस्ट ऑफिस जैसे आवश्यक संस्थान खुले रहेंगे।'
सीएम की अपील
मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में आम लोगों से इस आदेश का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि जब भी संकट का समय आया है तो सभी के सहयोग से उस पर विजय पायी है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब इस मुश्किल का सफलतापूर्वक सामना करते हुए इससे पार पाने में सक्षम होंगे।
बिहार में एक मौत आपको बता दें कि पटना शहर स्थित एम्स में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गयी। राज्य में कोविड-19 से मौत का यह पहला मामला है। यह 38 वर्षीय यह मरीज कतर से आया था और उसके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था। बिहार के मुंगेर जिला निवासी इस मरीज को गत 20 मार्च को पटना एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। पटना एम्स के अधीक्षक डॉ. सी एम सिंह ने बताया कि उक्त मरीज के नमूनों को जांच के लिए 20 मार्च को ही आरएमआरआई भेजा गया था पर जांच रिपोर्ट उसकी मौत के बाद कल शाम को प्राप्त हुई थी।