- दिल्ली में कोरोना के 312 मामले सामने आए, बढ़ी चिंता
- जानकारों का कहना है कि वैक्सीन के आने के बाद लोगों में ढिलाई बढ़ी
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जारी है। एक तरफ इस वायरस से मुकाबला करने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ जिस तरह से देश के अलग अलग हिस्सों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं वो परेशान करने वाले हैं। महाराष्ट्र में खासतौर से मुंबई में केस तेजी से बढ़े हैं वो परेशान तो करते ही हैं दिल्ली की तस्वीर से भी डर लग रहा है। दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के 312 केस सामने आए और तीन लोगों के मरने की भी खबर है।
कोरोना केस में बढ़ोतरी, चिंता की वजह
शुक्रवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 10 हजार से ज्यादा केस आए जबकि 53 मरीजों की मौत हो गई। अगर बात दिल्ली की बात करें तो मौत का कुल आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो चुका है। दिल्ली में सक्रिय मामले 1779 है और यह संख्या 23 जनवरी के बाद सबसे अधिक है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार .53 फीसद हो चुकी है। इस, बीच रिकवरी रेट घटकर 98.01 फीसद है।
कोरोना वैक्सीन के साथ साथ कड़ाई भी जरूरी
बता दें कि कोरोना वैक्सीन आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लोगों को सचेत रहना होगा। उन्होंने दवाई और कड़ाई भी का संदेश दिया था। जानकार भी कहते हैं कि वैक्सीन के दो डोज लेने का अर्थ यह नहीं है कि कोई भी शख्स कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हो चुका है। हर एक शख्स को जिसने कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया है उसे भी सावधानी बरतनी ही होगी। थोड़ी सी लापरवाही का असर यह होगा कि सारी कोशिशों पर पानी फिर जाएगा। हाल ही में कोवैक्सीन ने फेज तीन ट्रायल के नतीजों को जारी किया है जिसके मुताबिक कोवैक्सीन करीब 81 फीसद प्रभावी है। इसके साथ ही भारत बायोटेक को नेजल वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति भी मिल गई है।