- कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में नवंबर 2019 में सामने आया था
- तब से लेकर अब तक विभिन्न देशों में वायरस के कई वैरिएंट्स समाने आ चुके हैं
- हवा से तेजी से फैलने वाले वैरिएंट ने महामारी को लेकर एक नई चिंता पैदा कर दी है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से निजात पाने की तमाम कोशिशों के बीच इसके अलग-अलग तरह के वैरिएंट्स नई चिंता का कारण बनते जा रहे हैं। नवंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला केस आने के बाद से अब तक कई देशों में वायरस के म्यूटेशन और नए वैरिएंट्स सामने आए हैं। इस बीच एक और वैरिएंट ने इस महामारी को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
हवा से तेजी से फैलता है यह वैरिएंट
कोरोना वायरस का यह वैरिएंट वियतनाम में मिला है, जिसके बारे में बताया गया है कि यह हवा के जरिये तेजी से फैलता है। वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्री गुयेन थान लोंग ने हाल ही में इसकी जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ लोगों से लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से इस बारे में पता चला, जो भारत और ब्रिटेन में मिले वैरिएंट का मिलाजुला रूप है। इसलिए इसे 'हाइब्रिड' वैरिएंट भी कहा जा रहा है।
कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। इसके बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस का यह वैरिएंट हवा के जरिये पहले के वैरिएंट्स के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से फैलता है। यह अधिक संक्रामक होने के साथ-साथ अधिक घातक भी बताया जा रहा है। वियतनाम में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल के लिए इसी वैरिएंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
हवा से कैसे फैलता है वायरस
इससे पहले मेडिकल पत्रिका 'लांसेट' की उस रिपोर्ट के बाद कोरोना वायरस को लेकर और हाहाकार मच गया था, जिसमें हालिया अध्ययन के आधार पर यह कहा गया कि कोरोना वायरस हवा के जरिये भी तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी गाइडलाइन में वायरस के एयरबोर्न होने की बात को शामिल किया। अब सवाल उठता है कि आखिर वायरस हवा के जरिये फैलता कैसे है।
दरअसल, जब कोई इंसान छींकता, खांसता या तेज आवाज में बात करता है तो उसके मुंह से ड्रॉपलेट्स निकलते हैं। ये अलग-अलग आकार की होती हैं। बड़ी बूंदें पांच माइक्रोन से ज्यादा होती हैं, जो मुंह से निकलते ही जमीन पर गिर जाती है। इससे छोटी बूंदें कुछ समय तक के लिए हवा में रह सकती हैं और हवा के साथ आगे बढ़ सकती हैं। ऐसे में कोई अगर सांस के जरिये उसे अपने अंदर ले ले तो उसे संक्रमण हो सकता है।
बचाव को लेकर नई रणनीति की जरूरत
वायरस के हवा से फैलने को लेकर आई नई रिसर्च और वियतनाम में मिले वायरस के नए वैरिएंट, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह पहले के वैरिएंट्स के मुकाबले अधिक तेजी से हवा के जरिये फैल सकता है, को देखते हुए बचाव को लेकर नई रणनीति बनाने पर जोर दिया जा रहा है। कोविड की दूसरी लहर के धीमे पड़ने और आने वाले कुछ महीनों में तीसरी लहर की आशंका के बीच यह और भी अहम हो जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर देश में सितंबर तक आ सकती है। विशेषज्ञ इसे लेकर जरूरी एहतियात अभी से बरतने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टर्स का साफ कहना है कि इसे तभी टाला जा सकता है, जब लोग 'कोविड अनुकूल व्यवहार' करें, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, एक निश्चित अंतराल पर साबुन और पानी से अच्छी तरह हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल शामिल है।