नई दिल्ली: चीन के वूहान में जन्मा कोरोना वायरस अब दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है। यहां तक कि यह भारत में भी दस्तक दे चुका है। केरल के बाद दिल्ली,जयपुर,तेलंगाना में इससे संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है। चीन पर पहले भी कई बार उसकी नीतियों को लेकर आरोप लगे है। इस बार भी यह कहां जा रहा है कि इस वायरस का जन्म चीन की बड़ी चूक थी।
अगर समय पर चीन ने यथोचित कार्रवाई की होती तो इसे दुनिया के बाकी हिस्सों में फैलने से रोका जा सकता था। जब चीन में कोरोना वायरस का पता चला तो उसके बाद ये पूरी कोशिश की गई कि यह बात दुनिया में नहीं फैले, दुनिया इस बात से अनजान रहे। लेकिन चीन की यह चालबाजी उस समय ध्वस्त हो गई जब वूहान से निकलकर यह वायरस चीन के साथ दुनिया के कई देशों में तेजी से फैलता गया। क्योंकि चीन का जो आकलन था वह धरा का धरा रह गया क्योंकि जब स्थिति भयावह हुई तो सबकुछ बदल चुका था।
चीन की चूक से मुसीबत में दुनिया
दरअसल ये बात मध्य नवंबर के आसपास की है जब एक आदमी ने तथाकथित रूप से वूहान के एक रेस्टोरेंट में चमगादड़ का सूप पिया था, और बताया जाता है कि वहीं से ये रोग पूरी दुनिया में फैला। पहला ज्ञात मरीज अब इस दुनिया में नहीं है जिस डॉक्टर ने दुनिया को इस वायरस की जानकारी दी वो भी अब इस दुनिया में नहीं है। शुरुआती दौर में डॉक्टरों को इस रोग की गंभीरता की जानकारी थी ही नहीं, उस नवंबर में ही वूहान में एक बहुत बड़ा जलसा हुआ था जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
कोरोना का मरीज पार्टी में हुआ था शामिल
ये एक बड़ी भोज पार्टी थी जहां नाच-गाना खाना-पीना सब हुआ था। कहा जाता है कि कोरोना वायसर से ग्रस्त मरीज भी उस पार्टी में गया था हालांकि उस समय उस मरीज को ये बात मालूम नहीं थी कि वो इतने घातक वायरस की चपेट में है। वर्ष 2020 में चीन में कम्यूनिस्ट शासन की सत्तरवीं वर्षगांठ मनाई जानी थी इसलिये भव्य जलसे का आयोजन किया गया था। उस पार्टी के बाद कई लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ। लेकिन दुनिया को यह बात काफी देर बाद मालूम हुई क्योंकि चीन पर इसे छुपाए रखने का आरोप है।
शुरुआत में कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन डॉक्टरों ने हालात के आकलन में गलती कर दी और चीन की यही चूक बाद में दुनिया भर के लिए मुसीबत बन गई। लेकिन डॉक्टरों को इस बात का पूरा यकीन था कि वो इस वायरस पर काबू पा लेंगे, लेकिन जबतक चीन में डॉक्टर कोरोना वायरस की भयावहता को समझ पाते तबतक बहुत देर हो चुकी थी। वूहान शहर के मेयर ने टीवी पर दिये अपने एक इंटरव्यू में बताया कि हम लोग शहर की मेडिकल टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे क्योंकि बिना उनकी स्वीकृति के मैं कोई अगला कदम नहीं उठा पाता। जब कोरोना वायरस के कहर की खबर अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियां बनीं तबतक तीर चीनी सरकार के हाथ से मामला बहुत आगे निकल चुका था।
चीन का अति विश्वास उसे ले डूबा
रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सरकार को खुद पर अत्याधिक विश्वास था कि वो इस रोग पर काबू पा लेगी, इसीलिये उन्होंने शुरुआत में इस खबर को दबाए रखा। इस बात की पूरी कोशिश की कि दुनिया के बाकी देशों को इसकी भनक भी नहीं लगे। वैसे भी वास्तविकता को छुपाने का चीन का पुराना इतिहास रहा है। जब ये खबर पश्चिमी मीडिया में आई तब पूरी दुनिया को पता चल गया कि कोरोना वायरस का कहर कितना खतरनाक और घातक है। इसका खामियाजा अबतक चीन के बाहर दक्षिण कोरिया, ईरान, इटली, अमेरिका और कई दूसरे देश भुगत रहे हैं क्योंकि यह वायरस अब दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में फैल चुका है।