नई दिल्ली: कोरोना वायरस का फैलाव भारत में शुरू हो गया है। केरल के कासरगोड़ में एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। इस तरह से भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण का यह तीसरा केस हो गया है। इस वायरस से संक्रमित दूसरे व्यक्ति का इलाज अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज के एक अलग वार्ड में किया जा रहा है। जबकि कोरोना वायरस से पीड़ित महिला का इलाज त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
भारत में Coronavirus Updates
- मल्लापुरम जिले के डीएम जफर मलिक ने कोरोना वायरस पर सोमवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली।
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समाचार एजेंसी पीटीआई का कहना है कि भारत में रविवार तक 104 केस की जांच की गई है और इनमें से तीन केस कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने एक टॉस्कफोर्स का गठन किया है। इस टॉस्कफोर्स में स्वास्थ्य राज्य मंत्री, डब्ल्यूसीडी मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मंत्री शामिल हैं। यह टॉस्कफोर्स अपनी पहली बैठक कर रही है।
- केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि कासरगोड़ में एक व्यक्ति कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया गया है और उसे निगरानी में रखा गया है।
चीन में मौत का आंकड़ा पहुंचा 361
कोरोना वायरस ने चीन में महामारी का रूप ले लिया। वहां इस वायरस से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे 17,205 लोग संक्रमित हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गत रविवार को भारत ने चीन के वुहान में फंसे अपने 323 और मालदीव के सात नागरिकों का एयरलिफ्ट किया। ओडिशा में इस वायरस से 4 लोगों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई थी लेकिन स्वास्थ्य जांच में इनके रक्त के नमूने निगेटिव पाए गए।
मानेसर में रखे गए हैं चीन से लाए गए भारतीय छात्र
भारत ने चीन से लाए गए अपने छात्रों को गुरुग्राम के पास मानेसर में बनाए गए विशेष उपचार केंद्र में रखा है। यहां इन छात्रों को निगरानी और उनका इलाज किया जा रहा है। चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों को चीन की यात्रा से बचने का परामर्श जारी किया है। चीन से वापस स्वदेश आए छात्र काफी खुश हैं। सेना द्वारा बनाए गए इस अस्पताल में उन्होंने डांस कर अपनी खुशी का इजहार किया।
लोगों से सावधानी बरतने की अपील
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, हाथ मिलाने या मल-मूत्र के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति भी इससे ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की गतिविधियां एक जगह पर नियंत्रित करना और उपचार के लिए उन्हें अलग केंद्र में रखना जरूरी होता है। डॉक्टरों का कहना है कि इसलिए वे बुखार अथवा जुकाम से पीड़ित लोगों को घर में रहने की सलाह दे रहे हैं।