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Coronavirus: जानिए कितना खतरनाक है कम्युनिटी ट्रांसमिशन, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दे रही है सरकार

Updated Mar 23, 2020 | 09:11 IST

कोरोना को लेकर देश में घबराहट का माहौल है लेकिन इसे लेकर अभी तक एक अच्छी खबर ये है कि यह वायरस अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज में नहीं पहुंचा है।

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Coronavirus: जानिए कितना खतरनाक है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं जिससे इसका कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा भी बढ़ गया है
  • कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स को पता नहीं चलता कि यह कैसे हुआ
  • अगर देश में यह वायरस इस चरण में आता है तो फिर स्थिति होगी खराब

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में तेजी से बढोत्तरी हो रही है और खबर लिखे जाने तक यह आकंडा 270 को पार कर गया था। यह फिलहाल दूसरे चरण में है लेकिन इस तरह के मामले सामने आने क बाद सवाल उठ रहा है क्या भारत इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन  (सामुदायिक फैलाव) को रोकने में सक्षम हो पाएगा। हाल ही में ही आइसीएमआर पूरे देश में 15 मार्च तक लिए गए 826 रैंडम सैंपल लिए थे और ये सारे सैंपल निगेटिव रहे। इसके आधार पर  कहा जा रहा है कि देश में इस वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है यह अभी केवल विदेश से आने वाले लोगों में ही हुआ है या उनके सगे संबधी को।

क्यों खतरनाक है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
अभी तक देश में जितने मामले सामने आए हैं वो या तो सीधे विदेश से आए हैं या फिर किसी संक्रमित के सीधे संपर्क में आए हैं। इस संक्रमण का एक प्रॉपर स्त्रोत रहता है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन वह जब कोई शख्स किसी अंजान के संपर्क में आकर संक्रमित हो गया है और ऐसे शख्स की पहचान करना बहुत मुश्किल है। अगर इस चरण में वायरस आ गया तो फिर यह बेहद तेजी से फैलता है और इसे रोक पाना नामुमिकन होता है। इसे ध्यान में रखते हुए ही सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने, मतलब घर पर रहने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से मना कर रही है।


क्यों जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब है सामाजिक एकांतवास यानि सबसे दूरी बनाकर रहना। दरअसल अगर आप ऐसा करते हैं तो एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकेंगे और संक्रमण का फैलाव भी रूक सकेगा। आपात स्थिति में बाहर निकलने पर सामने वाले से कम से 1-3 मीटर की दूरी बनाकर रखें। इससे आप खुद को तो बचा ही सकेंगे और यदि कोई पीड़ित है तो औरों में फैलने से भी इसे रोक सकेगा।

पीएम ने की अपील

देश में अभी तक अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले बिना लक्षण वाले लोगों और बाद में लक्षण दिखने, प्रयोगशाला से संक्रमण की पुष्टि वाले मामलों के संपर्क में आने वाले और लक्षण दिखाने वाले लोगों तथा लक्षण दिखाने वाले सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं की दिशा निर्देशों के अनुसार संक्रमण के लिए जांच की गई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने घरों में रहने की अपील करते हुए कहा था कि रविवार को लोग जनता कर्फ्यू का पालन करें और घरों में रहें।  यह एक तरह से सोशल डिस्टेंसिंग ही है तांकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

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