नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी समेत पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की कुल 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गणना रविवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी। इस दौरान कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा । आयोग ने कहा कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी।
इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किये जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है।मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का एक और कारण पांचों विधानसभा चुनावों में उपयोग किये गए डाक मतपत्रों की संख्या का बढ़ना भी है।
आयोग ने कहा, ''चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों), दिव्यांगों और कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित लोगों को डाक मतपत्रों की सुविधा प्रदान करने के चलते डाक मतपत्रों की संख्या में 400 प्रतिशत (2016 में 2.97 लाख से बढ़कर 2021 में 13.16 लाख) की वृद्धि हुई है।''
कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य
आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिये 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है।सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे।मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया
राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने लगभग 1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया है।आयोग ने कहा कि किसी भी अधिकृत प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट स्वीकार्य होगी।
आयोग के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश
देश भर में लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों की मतगणना के दौरान भी इन्हीं नियमों का अनुसरण किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक डिजिटल बैठक के जरिये चारों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ मतगणना व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने आयोग के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।