- देश में इस समय कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 19,500 हो गई है।
- दो महीने से भी ज्यादा समय बाद कोरोना वायरस की संक्रमण दर एक प्रतिशत के पार पहुंचकर 1.07 फीसदी पहुंच गई है।
- अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 189.23 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं।
Covid-19 Cases in India in Last 24 Hours , 2 May 2022: देश में कोविड-19 के संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है और इसका असर लगातार बढ़ते मामलों के रूप में दिख रहा है। पिछले 24 घंटे में देश में 3157 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। और इस दौरान 26 लोगों की संक्रमण से मौत भी हुई है। इन आंकड़ों में अहम बात यह है कि कोरोना संक्रमण की दर भी एक फीसदी को पार कर गई है। ऐसा करीब दो महीने बाद हुआ है, जब कोविड-19 संक्रमण की दर में एक फीसदी को पार कर गई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को सुबह जारी प्रॉविजनल आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक दिन में कोविड-19 के 3,157 नए मामले सामने आए हैं । और इसके साथ ही देश में अब कोरोना से संक्रमित होने वाली मरीजों की कुल संख्या 4,30,82,345 हो गई है। इस समय देश में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 19,500 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.04 फीसदी है। पिछले 24 घंटे में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में 408 की बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा दो महीने से भी ज्यादा समय बाद कोरोना वायरस की संक्रमण दर एक प्रतिशत के पार पहुंचकर 1.07 फीसदी पहुंच गई है। इसके पहले 27 फरवरी को संक्रमण दर 1.11 फीसदी पहुंची थी। वहीं साप्ताहिक संक्रमण दर 0.70 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.74 फीसदी है। देश में अभी तक कुल 4,25,38,976 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर फीसदी है।
Covid 19: देश में कोविड के साप्ताहिक मामलों में 41 फीसदी का उछाल, मौत के आंकड़ों को लेकर राहत
अब तक 189 करोड़ से ज्यादा डोज
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 189.23 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं। और 10 अप्रैल से 18 वर्ष से अधिक पात्र लोगों को बूस्टर यानी प्रीकॉशन डोज भी लगाई जा रही है। अभी दूसरी डोज के बाद 9 महीने के अंतराल के बाद प्रीकॉशन डोज लगाई जा सकती है। हालांकि सूत्रों के अनुसार इस अंतराल को 9 महीने से घटाकर 6 महीने किया जा सकता है। साथ ही 5 साल और उससे ज्यादा की उम्र के बच्चों को भी टीका लगाने का रास्ता साफ हो गया है।