- ज्ञानवापी मस्जिद में कुछ छिपाने की कोशिश ? अदालत के आदेश पर मौलाना की धमकी क्यों ?
- मस्जिद के मौलाना की गला काटने की धमकी
- ज्ञानवापी मस्जिद के मौलाना का ओपन चैलेंज !
वाराणसी: बड़ी खबर आ रही है, काशी के ज्ञानवापी मस्जिद प्रशासन ने कोर्ट के फैसले पर विवादित बयान दिया है। ज्ञानवापी मस्जिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी एस एन यासीन ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी वो मस्जिद के अंदर सर्वे की इजाजत नहीं देंगे। एसएन यासीन ने कोर्ट के फैसले को गर्दन पर तलवार जैसा बताया है। कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए एसएन यासीन ने जो तर्क दिए वो बेहद आपत्तिजनक है। आपको बता दें कि वाराणसी की अदालत ने 6 और 7 मई को सर्वे का आदेश दिया है।
नहीं घुसने देंगे मस्जिद में
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद प्रबंध समिति के सचिव एसएम यासीन ने कहा कि हम वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। ये लोग श्रृंगार गौरी के बहाने ज्ञानवापी में घुसना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम संवैधानिक रूप से इसका विरोध करेंगे और किसी को मस्जिद में प्रवेश नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि हम संवैधानिक रूप से इसका विरोध करेंगे और किसी को मस्जिद में प्रवेश नहीं करने देंगे।
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कोर्ट का आदेश
आपको बता दें कि वाराणसी के सिविल जज सिनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए ईद के बाद और 10 मई के पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी आयोग (कमीशन) की कार्रवाई और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान वकील कमिश्नर, पक्षकार के अलावा एक एक सहयोगी रह सकते हैं। अदालत के निर्देश के अनुसार छह और सात मई को मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण कराये जाने का फैसला लिया गया है।