- मुसीबत का सबब न बन जाए निजामुद्दीन का मरकज, तेलंगाना में मरने वाले 6 लोग हुए थे इस जलसे में शामिल
- निजामुद्दीन में एक लापरवाही से सैकड़ों लोगों की जान खतरे में
- तेलंगाना सरकार ने कोरोना वायरस के कारण हुई नई मौतों का किया खुलासा
हैदराबाद: देश में कोरोना वायरस बढ़ते संकट के बीच एक ऐसी लापरवाही सामने आ रही है जो सरकार के लॉकडाउन के प्रयासों पर पलीता लगाने का काम कर रही है। दरअसल दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए तेलंगाना के 6 लोगों की मौत हो गई है और ये सभी कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाए गए हैं। खुद तेलंगाना सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी है।
सीएमओ ने की पुष्टि
तेलंगाना के 6 लोगों की मौत की पुष्टि राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी कर दी है। इन 6 लोगों में दो की मौत गांधी अस्पताल में जबकि एक-एक मौत अपोलो अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, निजामाबाद और गद्वाल में हुई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक ये सभी लोग 13-15 जनवरी को दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां से ये कोरोना के संक्रमण में आए।
तेलंगाना सरकार ने किया आग्रह
तेलंगाना में जिला कलेक्टरों के नेतृत्व में विशेष दल ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं जो लोग इन मरीजों को अस्पताल में लाए थे और उन्हें भी इसका खतरा हो सकता है। तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग ने मरकज में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों से स्वेच्छा से अस्पताल में रिपोर्ट करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि जिन्होंने भी दिल्ली में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिया था उनका मुफ्त इलाज किया जाएगा।
दिल्ली में हुआ था कार्यक्रम
आपको बता दें कि 13-15 मार्च को दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में एक से 15 मार्च के बीच तबलीग-ए- जमात के इज्तिमे (मजहबी मकसद से एक खास जगह जमा होना) में दो हजार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया के लोग भी शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल 200 से ज्यादा लोगों में कोरोना के संक्रमण की आशंका से हड़कंप मचा हुआ है। बड़ी संख्या में लोगों में बीमारी के लक्षण दिखने की रिपोर्टों के बाद दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अफसरों और मेडिकल टीमें रविवार रात इलाके में गई थी।
केजरीवाल ने दिए एफआईआर के आदेश
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन में तबलिग ए जमात बैठक के आयोजन के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी लेकिन इसके बावजूद भी यह कार्यक्रम आयोजित हुआ।