नई दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच देश के भीतर इस घातक संक्रमण से बचाव के लिए दिए जा रहे वैक्सीन के बूस्टर डोज की मांग तेज होती जा रही है। दिल्ली AIIMS में कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. नवनीत विग के बूस्टर डोज की जरूरत और इस दिशा में और अध्ययन पर जोर दिए जाने के बाद अब राजस्थान और कर्नाटक से भी ऐसी मांग सामने आई है, जिसमें कोविड से बचाव के लिए केंद्र सरकार से बूस्टर डोज पर जल्द फैसला लेने को कहा गया है।
'बुजुर्गों, बीमारों की बढ़ सकती है परेशानी'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस संक्रमण पर चिंता जताते हुए शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को 'बूस्टर' डोज पर फैसला करना चाहिए। इसके साथ ही गहलोत ने दूसरी खुराक लगाने के लिए अभियान चलाने पर भी जोर दिया और कहा, देश में बहुत से लोगों को अभी वैक्सीन की दूसरी डोज भी नहीं लगी है। जब तक वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लग जाती, तब तक पहली का भी फायदा नहीं होता। ऐसे में बचाव के लिए दोनों डोज लेना जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में ऐसे लोगों की संख्या महज 35-40 प्रतिशत है, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन का दूसरा डोज लगा है। उन्होंने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि जिन्हें डोज लगे सालभर होने को आ गया है, उनमें टीके का प्रभाव कम हो जाता है, ऐसे में बूस्टर डोज की अनुमति दें। जिसे दो डोज लग गई उन्हें तीसरी बूस्टर डोज भी लगे।' उन्होंने यह भी कहा कि जो बुजुर्ग हैं या बीमार हैं, अगर उन्हें बूस्टर डोज नहीं लगता तो फिर उनकी तकलीफ बढ़ सकती है।
कर्नाटक ने केंद्र से किया अनुरोध
वहीं, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट Omicron को लेकर पैदा हुयी चिंता के बीच कर्नाटक ने भी केंद्र से कोविड-19 रोधी टीके का बूस्टर डोज देने की अनुमति मांगी है। कोविड के हालात की समीक्षा के लिए सीएम बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद राजस्व मंत्री आर. अशोक ने कहा, 'बूस्टर खुराक के संबंध में हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है। मंजूरी मिलने पर इसे प्राथमिकता के आधार पर अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को दिया जाएगा। हमें एक सप्ताह में मंजूरी मिल सकती है।'
कोविड के नए वैरिएंट से दुनियाभर में चिंता
कोविड रोधी टीके के बूस्टर डोज को लेकर ये मांगें ऐसे समय में सामने आई हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायस के नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में चिंता है। WHO ने इसे ओमीक्रॉन नाम दिया है और इसे चिंताजनक स्वरूप करार दिया है। दुनियाभर में हुए विभिन्न अध्ययनों के आधार पर कोविड वैक्सीन के बूस्टर डोज को अहम बताया जा रहा है। इजरायल में बूस्टर डोज के बाद टीके की प्रभावशीलता 40 पर्सेंट से बढ़कर 93 पर्सेंट हो जाने की बात सामने आई है।
कोविड से लड़ने में बूस्टर डोज की अहमियत को समझते हुए फ्रांस में इसे अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, स्वीडन ने भी 18-65 साल के आयुवर्ग के सभी लोगों को टीके की दूसरी खुराक लगने के छह महीने बाद बूस्टर डोज लेने की अनुशंसा की है।