नई दिल्ली : बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे, जब उनके काफिले पर कुछ लोगों ने पत्थर और ईंटों से हमला किया था। बीजेपी अध्यक्ष के दौरे के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं। बीती घटनाओं का हवाला देते हुए बंगाल दौरे के दौरान अब देश के गृह मंत्री की सुरक्षा को लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है। सीआरपीएफ ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल पुलिस को पत्र लिखा और उन सुरक्षा खामियों का ब्यौरा दिया है, जो नड्डा के दौरे के दौरान देखी गईं।
सीआरपीएफ ने देश के गृह मंत्री के बंगाल दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस से सहयोग भी मांगा। गृह मंत्री अमित शाह 19-20 दिसंबर को दो दिवसीय बंगाल दौरे पर पहुंच रहे हैं, जिसके लिए सुरक्षा इंतजामों को लेकर सीआरपीएफ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को जो पत्र लिखा है, उसमें साफ तौर पर कहा है कि नड्डा के काफिले पर जब हमला किया गया, वहां पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती नहीं थी।
जेपी नड्डा के काफिले पर हुआ था हमला
सीआरपीएफ के पास गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के नेता राहुल गांधी सहित तमाम वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। सीआरपीएफ की तैनाती नक्सल इलाकों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी है। सीआरपीएफ ने 9 और 10 दिसंबर को नड्डा के बंगाल दौरे के दौरान हुई घटनाओं का विस्तृत ब्यौरा भी पत्र में दिया है, जिसके मुताबिक, 9 दिसंबर को कोलकाता में बीजेपी के पश्चिम बंगाल चुनाव दफ्तर जाते समय लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की, जबकि 10 दिसंबर को कुछ अराजक तत्वों ने डायमंड हार्बर में बीजेपी नेताओं के काफिले पर हमला किया।
जेपी नड्डा और कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर हमला उस वक्त हुआ, जब वे बीजेपी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए डायमंड हार्बर जा रहे थे। बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए उस हमले के बाद पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है, जबकि बीजेपी के कई नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को केंद्र में प्रतिनियुक्त कर दिया है। हालांकि राज्य सरकार ने इन्हें अभी मुक्त नहीं किया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को भी राज्य सरकार से कहा कि वह तीन आईपीएस अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करे, क्योंकि उन्हें नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।