- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लोगो में है राज्य पक्षी 'सारस' का अक्स
- चार फेज में 70 मिलियन यात्री सालाना की क्षमता वाला होगा भव्य एयरपोर्ट
नोएडा: उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र जेवर में बनने वाले देश के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट के नाम को लेकर लंबे समय से अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे थे। क्षेत्र के लोग इस एयरपोर्ट का नाम 'गुर्जर सम्राट मिहिर भोज' के नाम पर रखने की मांग कर रहे थे वहीं कई अन्य संगठन इस एयरपोर्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग कर रहे थे।। अब इस एयरपोर्ट के फाइनल नाम तय हो गया है। बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस एयरपोर्ट का नाम और लोगो फाइनल किया।
बैठक में तय हुआ कि यह एयरपोर्ट 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर' के नाम से जाना जाएगा। वहीं ब्लू कलर में इसका लोगो भी फाइनल हो गया। लोगो में राज्य पक्षी 'सारस' का अक्स है। डिजाइन पर अंतिम फैसला विचाराधीन रखा गया है। बैठक में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के CEO श्री क्रिस्टोफ श्नेलमैन, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के CEO डॉ. अरुण वीर सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
'यह एयरपोर्ट भारत का गौरव बनेगा'
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है, 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विश्व के बेहतरीन हवाई अड्डों में से एक होगा। उत्तर प्रदेश सरकार इसे विश्वस्तरीय बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। यह एयरपोर्ट भारत का गौरव बनेगा, हम इसे एक 'ग्लोबल ब्रांड' के रूप में विश्व पटल पर प्रस्तुत करेंगे। सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।'
भूमि अधिग्रहित कर ली गई है
स्विस कंपनी ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने एयरपोर्ट का डिजाइन, लेआउट और लोगो तैयार कर लिया है। ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 29 हजार 650 करोड़ की लागत से 1334 हेक्टेयर भूमि में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका दिया गया है। परियोजना के लिए पहले ही नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहित कर ली गई है। यूपी में बनने वाला ये दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। अभी चीन का शंघाई एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है जो 3988 हेक्टेयर इलाके में फैला हुआ है।
एयरपोर्ट की डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के एयरपोर्ट की तर्ज पर
यह एयरपोर्ट नोएडा और दिल्ली से मेट्रो रेल के जरिए कनेक्ट किया जाएगा। इस एयरपोर्ट पर बुलेट ट्रेन का भी स्टेशन होगा। जेवर एयरपोर्ट को डेवलप कर रही कंपनी ने एयरपोर्ट के चार फेज का मास्टर प्लान तैयार किया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कई मायनों में अनूठा होगा। यह एयपोर्ट ऐसा होगा जो पूरी तरह से डिजिटल ऑपरेट किया जाएगा। इस हवाई अड्डे पर हर साल 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता हो जाएगी। बात यात्री सुविधाओं की हो या भव्यता की, सब कुछ विश्वस्तरीय होगा। एयरपोर्ट की डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के विश्वप्रसिद्ध एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार की गई है। नोएडा एयरपोर्ट एयरपोर्ट में कुल 5 रन-वे होगा। वर्तमान में 2 रन-वे के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है, जबकि शेष तीन रनवे के लिए 3418 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है।
5000 हेक्टेयर में बनने वाला 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट' बनने के बाद एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा हो जाएगा। जेवर एयरपोर्ट बनाने का आइडिया मूल रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है। साल 2001 में वे यूपी के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और तब उन्होंने इसका सपना देखा था।