- दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तेजी से वृद्धि होने की संभावना
- केंद्र ने तूफान के खतरे को देखते हुए की समीक्षा बैठक, अलर्ट पर एनडीआरएफ और तटरक्षक बल
- तूफान की वजह से तटीय राज्यों में बारिश होने की संभावना, मछुआरों को भी दी गई हिदायत
नई दिल्ली: आज से चक्रवाती तूफान 'अम्फान' का खतरा बढ़ने की आशंका है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में कम दबाव वाला क्षेत्र शनिवार की सुबह अधिक दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया और यह ओडिशा के पारादीप से लगभग 1,100 किलोमीटर दूर दक्षिण में केन्द्रित है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटे तक यह साइक्लोनिक तूफान तेज हो सकता है और सोमवार सुबह तक गंभीर तूफान के रूप में तब्दील हो सकता है।
चक्रवाती तूफान ले सकता है भीषण रूप
आईएमडी ने सूचित किया कि बंगाल की खाड़ी में जो दबाव बना है, उसके एक चक्रवाती तूफान में बदल जाने और ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। बेहद तेज गति की हवाओं और ज्वारीय लहरों के साथ तटीय राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। तूफान के खतरे को देखते हुए नौसेना भी अर्लट मोड पर है।
पूर्वानुमान के अनुसार, यह तूफान दक्षिण-पूर्व और बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी से सटे इलाकों में 65 किमी प्रति घंटा की रफ्तार बढ़ रहा है। बाद में यह तेज होते हुए हुए 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने मछुआरों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वो समुद्र तटों से दूर रहें।
18-20 मई तक उत्तर पश्चिम बंगाल की तरफ
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर विश्वास ने पीटीआई को बताया कि अधिक दबाव वाला क्षेत्र के शनिवार की शाम तक एक चक्रवाती तूफान में और फिर बाद के 24 घंटे के दौरान भयंकर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इसके 17 मई तक उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और फिर 18 मई से 20 मई के बीच पश्चिम बंगाल तट पर उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है।
केंद्र ने की बैठक
केंद्र सरकार ने भी तूफान के खतरे को देखते हुए तैयारी की है। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की शनिवार को एक बैठक की गई जिनमें आने वाले चक्रवाती तूफान की तैयारी की समीक्षा की गई। एनडीआरएफ, सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक को सावधान कर दिया गया है और वे राज्य सरकार के प्राधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे है। उन्होंने खुद को समुचित रूप से मुस्तैद कर रखा है। गृह मंत्रालय भी राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय एजेन्सियों के साथ सतत संपर्क में है।