- चक्रवाती तूफान 'जवाद' शनिवार को कमजोर होकर एक गहरे दबाव में बदल गया
- यह आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए राहत की बात है
- संडे को Puri पहुंचने तक इसके और कमजोर पड़ने की संभावना है
नयी दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चक्रवाती तूफान 'जवाद' (Cyclone Jawad) शनिवार को कमजोर होकर एक गहरे दबाव में बदल गया तथा रविवार को पुरी (Puri) पहुंचने तक इसके और कमजोर पड़ने की संभावना है। यह आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए राहत की बात है। मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती तूफान कमजोर होकर एक गहरे दबाव में बदल गया है और यह शाम 5:30 बजे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर, विशाखापत्तनम,आंध्र प्रदेश से लगभग 180 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में और पुरी, ओडिशा से 330 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था।
मौसम विभाग के मुताबिक, 'इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने तथा कल सुबह तक इसके और कमजोर होकर दबाव में बदलने की संभावना है। इसके संडे दोपहर के आसपास पुरी के निकट पहुंचने की संभावना है। इसके बाद, इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर ओडिशा के तट के साथ पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने तथा अगले 24 घंटों के दौरान इसके और कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है।'
चक्रवात का नाम 'जवाद' , जिसका मतलब उदार या दयालु है
इस चक्रवाती तूफान का नाम 'जवाद' सऊदी अरब ने प्रस्तावित किया है 30 नवंबर को अंडमान सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना था। दो दिसंबर को यह दबाव में बदल गया और इसके बाद यह शुक्रवार सुबह गहरे दबाव में तथा शुक्रवार दोपहर को यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया।
आईएमडी ने रविवार को पश्चिम बंगाल में गंगा के तटों से लगते क्षेत्रों और उत्तरी ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा रविवार और सोमवार को असम, मेघालय और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।आईएमडी ने रविवार तक बंगाल की मध्य और उत्तरी खाड़ी में नौवहन और मछुआरों के लिए समुद्री स्थिति प्रतिकूल रहेगी।
'जवाद' के कारण आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट पर भारी बारिश
चक्रवाती तूफान 'जवाद' के कारण शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में भारी बारिश के बीच प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए 60 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। जवाद के कमजोर पड़ने और इसके ओडिशा तट की ओर बढ़ने के बाद आंध्र प्रदेश के उत्तर तटीय जिलों में लोगों ने राहत की सांस ली। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विजयनगरम और विशाखापत्तनम में भारी बारिश नहीं हुई। हालांकि, श्रीकाकुलम जिले में 11 सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं, वज्रपुकोथरू मंडल में तेज हवा के कारण नारियल का पेड़ उखड़ गया जिसकी चपेट में आकर 16 वर्षीय गोरकला इंदु की मौके पर ही मौत हो गई।
श्रीकाकुलम जिला प्रशासन ने 60 राहत शिविर बनाए
जहां जोखिम संभावित क्षेत्रों के सैकड़ों लोग ठहरे हुए हैं। राजू ने राहत शिविरों का भी दौरा किया। जिलाधिकारी एल श्रीकेश बालाजी ने भी राहत शिविरों का दौरा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।इस बीच, दक्षिण मध्य रेलवे ने चक्रवाती तूफान के मद्देनजर शनिवार और रविवार के लिए 60 से अधिक ट्रेन निरस्त कर दी हैं।
चक्रवात 'जवाद' से निपटने की तैयारियों की समीक्षा
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को चक्रवात 'जवाद' से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल द्वारा की गई व्यवस्था और तैयारियों की समीक्षा की।इस सम्मेलन में भारतीय उद्योग परिसंघ , फिक्की, एसोचैम और पीएचडी चैंबर्स जैसे उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।गोयल ने इस दौरान सभी हितधारकों के सुझावों के जरिये इस प्राकृतिक आपदा के प्रभावी तरीके से प्रबंधन के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया।गोयल ने कहा कि आपदा प्रबंधन और बचाव तथा प्रभावित लोगों के जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी आवश्यक है।