कोलकाता/ओडिशा : बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'यास' स्थिति बनने के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। आपदा से निपटने के लिए पहले ही टीमें तैनात कर दी गई हैं और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में अब तक 8 लाख से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया है, जबकि ओडिशा में 80 हजार से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
चक्रवाती तूफान 'यास' के बुधवार सुबह ओडिशा में भद्रक जिले के धामरा पोर्ट के नजदीक दस्तक देने का अनुमान जताया जा रहा है। गंभीर श्रेणी के इस चक्रवाती तूफान को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं। एनडीआरएफ के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के 14 जिलों में निचले इलाकों से 8,09,830 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। वहीं, ओडिशा के तटवर्ती इलाकों से 81,661 लोगों को संवेदनशील स्थानों से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
बंगाल, ओडिशा में तैयारियां
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवाती तूफान 'यास' को देखते हुए जिला अधिकारियों से बात की है। हालात पर निगरानी के लिए उन्होंने आज रात नबाना में ही रहने की बात कही है। उन्होंने कोलकाता में बने कंट्रोल सेंटर का भी दौरा किया। वहीं, इस चक्रवाती तूफान के कारण राज्य में मछुआरों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारतीय तटरक्षकों की ओर से मछुआरों को लगातार समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी जा रही है। क्षेत्रीय भाषाओं में भी उनके लिए घोषणाएं की जा रही हैं। नौसेना भी अपने गोताखोरों और मेडिकल टीम के साथ तैयार है।
उधर, ओडिशा में ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) के 60 टीमों को चक्रवात के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। ओडिशा स्टेट आर्म्ड पुलिस की 55 प्लाटून्स भी उनकी मदद करेगी। ओडिशा के एडीजी (कानून-व्यवस्था) वाई के जेठवा के मुताबिक, ODRAF टीमों को उच्च गुणवत्ता युक्त उपकरण दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया गया कि राज्य के निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया तजी से जारी है और शाम तक इस काम को पूरा कर लिए जाने का अनुमान है।