नई दिल्ली: लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान बोलते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बशीर बद्र का शेर सुनाते हुए कहा, 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।' उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का इतिहास उठाकर देखें तो वो बस्तियां जलाने में माहिर हैं। मेरे पास डेटा है जो दिखाता है कि देश में जब भी हिंसा की घटनाएं हुईं है, उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार थे।
लेखी ने भड़काऊ बयानों पर बोलते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा को दिल्ली हिंसा के लिए दोषी ठहराया गया। अनुराग ठाकुर ने 20 जनवरी और वर्मा ने 28 जनवरी को टिप्पणियां कीं, जबकि हिंसा 23 फरवरी को शुरू हुई। कपिल मिश्रा को अमानतुल्ला खान, शरजील इमाम और ताहिर हुसैन के कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों की बात की जाए तो मैं बताना चाहूंगी कि वे भूल गए हैं कि कुछ आरोपी आज मुख्यमंत्री के पद पर बिराजमान हैं। हिंसा को 36 घंटे के भीतर नियंत्रण में लाया गया था। अगर देखें, तो इसकी तैयारी महीनों से चल रही थी।
इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'सरकार, विशेषकर गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना होगा कि दिल्ली में तीन दिनों तक हिंसा कैसे जारी रही। जब दिल्ली जल रही थी तब अमित शाह जी क्या कर रहे थे?