केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पहली बार जिला विकास परिषद के चुनाव करवाए जाने की घोषणा की गई है जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव के साथ ही पंचायत उपचुनाव और स्थानीय निकाय के रिक्त पड़े वार्डों के चुनाव एक साथ करवाए जाने का एलान हुआ है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि जिला विकास परिषद चुनाव (DDC), पंचायत और स्थानीय निकाय उप-चुनाव आठ चरणों में होंगे।
28 नवंबर को पहले चरण का मतदान और 19 दिसंबर को अंतिम आठवें चरण का मतदान होगा,जबकि 22 दिसंबर को मतगणना होगी। बताया जा रहा है कि राज्य में खाली पड़े सरपंच और पंचायत सीटों के चुनाव भी एक साथ होंगे। मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से होगा, जबकि कोविड-19 रोगियों, वरिष्ठ नागरिकों और शारीरिक रूप से अस्वस्थ रोगियों के लिए पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
1 जनवरी, 2020 को अपडेट किए गए सरपंच और पंच चुनावों में इस्तेमाल किए गए मतदाता सूची का इस्तेमाल डीडीसी चुनावों के लिए किया जाएगा वहीं डीडीसी चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। स्थानीय निकाय के चुनाव शांतिपूर्वक ढंग से आयोजित हो सकें इसके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 में संशोधन को मंजूरी
चुनावों की तारीख की घोषणा के साथ ही गुरूवार से अधिकारिक रूप से चुनाव की पहली अधिसूचना जारी की जाएगी।इन चुनावों में विशेष बात यह रहेगी कि पहली बार वेस्ट पाकिस्तान रिफ्युजी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, संशोधित कानून के मुताबिक जम्मू कश्मीर में तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई है।
चुनाव में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी भी मतदान करेंगे
जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने कहा कि पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी DDC चुनाव में मतदान कर सकेंगे अभी तक ये लोग सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही मतदान कर पाते थे, बाकी किसी भी चुनाव में इन्हें वोट देने का अधिकार नहीं था। पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि होने जा रही हैं।