- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम सैन्य ठिकाने पर जवानों को संबोधित किया
- दुनिया में कोई भी ताकत भारत से जमीन नहीं छीन सकती: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- भारत ने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर कब्जा किया है: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज लद्दाख पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री के इस दौरे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी उनके साथ हैं। राजनाथ सिंह ने लुकांग में सैनिकों के साथ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है लेकिन इसे किस सीमा तक हल किया जा सकता है, इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता। लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। अगर बातचीत से समाधान निकाला जा सकता है, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'आज सुबह लद्दाख पहुंचकर सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया और लुकांग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जांबाज जवानों एवं अधिकारियों के दर्शन करते हुए उनसे बातचीत करने का अवसर मिला।' उन्होंने कहा कि आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हए अपनी सीमा की रक्षा की। उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'भारत और चीन की सेना के जवानों के बीच हाल में जो कुछ हुआ मैं ये कह सकता हूं कि आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है।'
'हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं'
उन्होंने कहा, 'भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है। हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है। भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं। हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है। भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे। यदि हम आज लद्दाख में खड़े हैं तो आज के दिन मैं कारगिल युद्द में भारत की सीमाओं की अपने प्राणों की बाजी लगाकर रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'