- रूसी रक्षा मंत्री के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद
- सालाना शिखर सम्मेलन से लगभग तीन हफ्ते पहले एससीओ की रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक
- शिखर सम्मेलन 15 और 16 सितंबर को समरकंद में
Rajnath Singh's Uzbekistan Visit: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह आज (23 अगस्त, 2022) उजबेकिस्तान जाएंगे, जहां वह राजधानी ताशकंद के तीन दिन के दौरे पर रहेंगे। सिंह को इस दौरान शंघाई सहयोग संगठन यानी कि एससीओ में शामिल मुल्कों के डिफेंस मिनिस्टर्स की मीटिंग में हिस्सा लेना है।
सोशल मीडिया पर बोले- उत्सुकता से संवाद का इंतजार
टि्वटर पर सोमवार (22 अगस्त, 2022) की शाम उन्होंने इस बारे में जानकारी दी। बताया था, "कल यानी 23 अगस्त को मैं उजबेकिस्तान में रहूंगा। मैं वहां एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लूंगा, जो कि ताशकंद में होगी।" उन्होंने इसी ट्वीट में आगे कहा था कि उनकी वहां उजबेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल निमामोविच के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी और वह इस दौरान भारतीय समुदाय से भी संवाद साधेंगे। उन्हें इसका उत्सुकता के साथ इंतजार है।
चीनी रक्षा मंत्री से होगा आमना-सामना?
इस बीच, यह भी कहा गया कि अन्य सदस्य देशों के नेताओं के अलावा चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। प्रभावशाली समूह के सालाना शिखर सम्मेलन से लगभग तीन हफ्ते पहले एससीओ की रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक हो रही है। सम्मेलन 15 और 16 सितंबर को समरकंद में होगा। वहीं, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह 23-25 अगस्त को ताशकंद की अपनी यात्रा के दौरान एससीओ के कुछ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि सिंह और शोइगु के बीच बैठक होगी या नहीं।
उधर तनाव-गतिरोध, इधर ताशकंद यात्रा
सिंह 24 अगस्त को एससीओ की बैठक को संबोधित करेंगे। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ताशकंद यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री मेजबान देश उज्बेकिस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव से मुलाकात करेंगे। रोचक बात यह है कि यह मीटिंग ऐसे वक्त पर हो रही है, जब पूर्वी लद्दाख में दो साल से अधिक समय से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव के कई बिंदुओं पर तल्ख गतिरोध बरकरार है।
क्या है SCO? जानें- एक नजर में
एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है, जिसकी स्थापना साल 2001 में शंघाई में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गीज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी। भारत को साल 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक बनाया गया और 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने थे। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)