- पीएम मोदी ने गलवान हिंसा में घायल हुए सैनिकों से शुक्रवार को मुलाकात की थी
- कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे 'फोटो-ऑप' करार दिया था
- इस पर रक्षा मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की है और कांग्रेस के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण करार दिया
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे के बाद से विपक्ष की ओर से कई सवाल उठाए जा रहे हैं, जिस पर अब रक्षा मंत्रालय ने जवाब दिया है। इसमें विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस के रवैये की निंदा करते हुए उसके आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण व निराधार' बताया गया है। दरअसल, कांग्रेस ने लद्दाख में उस अस्पताल को लेकर सवाल उठाए थे, जहां शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में घायल सैनिकों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया था।
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट की स्थिति
कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए रक्षा मंत्रालय की ओर से शनिवार को कहा गया कि सशस्त्र बल अपने जवानों को हर संभव बेहतर उपचार मुहैया कराते हैं। जिस मेडिकल केंद्र का पीएम मोदी ने शुक्रवार को दौरा किया था, वह 100 बिस्तरों वाले क्राइसिस एक्पैंशन कैपेसिटी और जनरल अस्पताल परिसर का हिस्सा है। घायल जवानों को वहां गलवान से लौटने के बाद से ही कोविड एरिया से क्वारंटीन सुनिश्चित करने के लिए रखा गया था। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और सैन्य कमांडर ने भी घायल सैनिकों से यहीं मुलाकात की थी।
कांग्रेस नेता ने किया था ट्वीट
रक्षा मंत्रालय की ओर से यह स्पष्टीकरण कांग्रेस के उन आरोपों के बाद आया है, जिसमें पीएम मोदी के लेह में सैन्य अस्पताल के दौरे को 'फोटो-ऑप' बताया गया है। कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने ट्वीट कर कहा था कि जिस अस्तपाल में पीएम मोदी घायल जवानों से मिलने पहुंचे, वहां डॉक्टर्स की बजाय फोटोग्राफर्स मौजूद थे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर किस तरह से यह अस्पताल नजर आता है। यहां न कोई ड्रिप बोतल नजर आ रही है, न दवा और न ही बिस्तर के किनारे पानी की बोतल नजर आ रही है। डॉक्टर की जगह यहां फोटोग्राफर मौजूद थे।
सैनिकों की सलामती की दुआ करते हुए उन्होंने कहा, 'ईश्वर की कृपा से हमारे जवान स्वस्थ व ठीक हैं। भारत माता की जय।' कांग्रेस के इन्हीं सवालों के जवाब में अब रक्षा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है और विपक्ष के आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण व निराधार' करार दिया है।