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Delhi: अरविंद केजरीवाल ने शपथग्रहण के लिए पीएम मोदी को दिया न्यौता, इस बार जायेंगे पीएम ! 

Updated Feb 14, 2020 | 15:01 IST

अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे,उन्होंने पीएम मोदी को भी शपथग्रहण के लिए आमंत्रित किया है। 

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केजरीवाल कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में 16 फरवरी यानि इतवार को होगा

नई दिल्ली: दिल्ली की जनता ने प्रचंड बहुमत से आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सत्ता सौंपी है, जनता ने AAP के 62 विधायकों को चुनकर केजरीवाल के हाथ मजबूत किए हैं, अब वो दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में 16 फरवरी यानि संडे को शपथ लेंगे, इस मौके पर केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को इनवाइट किया है।

कहा जा रहा था कि आम आदमी पार्टी के इस शपथग्रहण में अन्य राज्यों के सीएम को और विपक्ष के अहम नेताओं को भी बुलाया जाए लेकिन केजरीवाल ने इन संभावनाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि ये दिल्ली की आम आदमी सरकार है इसमें दिल्ली वालों की ही भागीदारी होगी।

पीएम मोदी को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जाता है कि नहीं इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे लेकिन शुक्रवार को केजरीवाल ने पीएम मोदी को इनवाइट कर दिया है इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट भी किया।

इससे पहले केजरीवाल की प्रचंड जीत पर पीएम मोदी ने भी केजरीवाल को शुभकामनाएं दीं थीं वहीं  केजरीवाल ने भी पीएम की बधाई के लिए शुक्रिया अदा करते हुए रिप्लाई में ट्वीट किया था।

गौरतलब है कि पार्टी को 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपीने आठ सीटों पर जीत दर्ज की है। गौरतलब है कि  दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीतकर आप पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ दूसरी बार दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। बुधवार सुबह केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने भी पहुंचे थे। केजरीवाल कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में होगा।

दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी  को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी वहीं इस बार के चुनाव में दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 20 हजार लीटर तक मुफ्त पानी, डीटीसी की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा और 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरों को लगाना उनके मुख्य चुनावी मुद्दे रहे जिसपर दिल्ली की जनता ने आप का साथ देते हुए उसे सत्ता पर दोबारा से काबिज करा दिया है।

पिछली बार के शपथग्रहण में पीएम थे इनवाइट
साल 2015 के अपने शपथ-ग्रहण समारोह के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया लेकिन वह अपनी व्यस्तताओं का हवाला देकर रामलीला मैदान पहुंचने में असमर्थता जाहिर कर दी और शपथग्रहण में नहीं पहुंच पाए थे। 

2019 के लोकसभा चुनावों तक वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देते थे। लेकिन इससे उनको राजनीतिक फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव परिणामों ने केजरीवाल को सजग कर दिया और उन्होंने अपना फोकस केवल दिल्ली के विकास कार्यों तक सीमित कर दिया। 

केजरीवाल ने विवादित बयानों से बना ली है दूरी
विपक्षी एकता की अगर बात होती है तो उसमें अब तक केजरीवाल भी शामिल होते रहे हैं लेकिन 2020 के चुनाव प्रचार ने केजरीवाल की एक नई छवि बनाई है। इसे देखकर चुनावी रणनीतिकार यह मानने लगे हैं कि इस ऐतिहासिक जीत के साथ उन्होंने अपनी एक अलग राजनीति की शुरुआत की है। अन्य दलों खासकर विपक्ष के नेताओं से दूरी बनाने की उनकी इस कोशिश के मायने निकाले जा रहे हैं। 

लोकसभा चुनावों के बाद केजरीवाल ने विवादित बयानों से अपनी दूरी बना ली। ऐसे कई मौके आए जब विपक्षी दलों ने पीएम मोदी की नीतियों को लेकर उनकी तीखी आलोचना की और विवादित बयान भी दिए लेकिन केजरीवाल चुप रहे। ऐसा करने के पीछे उनकी सोच यह रही कि वह खुद को मोदी विरोधी के रूप में खुद को पेश नहीं करना चाहते थे।

उन्हें पता है कि दिल्ली का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो मोदी को पसंद करता है लेकिन विस चुनाव में वह आप को वोट कर सकता है। मोदी पर किसी तरह का तीखा हमला इन वोटर्सों को नाराज कर सकता है और वे आप के खिलाफ वोट कर सकते हैं।

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