नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली में भी कांग्रेस प्रवासियों के लिए बसों की व्यवस्था करना चाहती है। दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अनिल चौधरी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों तक आवागमन की सुविधा के लिए राजधानी की सीमाओं पर 300 बसें तैनात करना चाहती है। उन्होंने यह भी लिखा कि इन बसों का खर्च दिल्ली कांग्रेस द्वारा वहन किया जाएगा।
सीएम केजरीवाल को लिखे गए पत्र में लिखा गया है कि हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर दिल्ली में रहते हैं, वो अपने-अपने प्रदेशों को वापस लौट रहे हैं। वे पैदल ही जा रहे हैं, कई मजदूरों की अलग-अलग दुर्घटनाओं में मौत हो रही है। मई माह में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कंट्रोल रूम में जिन मजदूरों ने अपने आपको पंजीकृत कराया था, उसकी सूची आपको व दिल्ली सरकार के नॉडल ऑफिसर को भेजी गई। इन मजदूरों की संख्या करीब 89835 है। आपकी तरफ से कोई उत्तर नहीं आया।
इन बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस करीब 300 बसें दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर चलाना चाहती है, जिनका खर्च दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी वहन करेगी। आप इन 300 बसों को चलाने की अनुमति दें।
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को मजदूर प्रवासियों को वापस लाने के लिए 1000 बसें चलाने के कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस के इस प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध की सी स्थिति बन गई थी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को भेजा था, जिसमें 1000 बसें सभी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में मंगलवार सुबह 10 बजे सौंपने को कहा था। बाद में प्रियंका गांधी के सचिव ने कहा कि कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से, इसलिये यह बसें गाजियाबाद तथा नोएडा बार्डर पर शाम पांच बजे पहुंचायी जाएंगी।