नई दिल्ली: कोरोना वायरस से मौत के मामलों को लेकर घिरी दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को चेतावनी जारी की है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि मौत के मामलों की रिपोर्ट में देरी होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा है कि यह देखा गया है कि सरकारी और निजी अस्पताल नियमित रूप से कोविड 19 अपडेट नहीं भेज रहे हैं। कोविड 19 मौतों के बारे में दैनिक जानकारी मृत्यु लेखा समिति को नहीं भेजा जा रहा है, जिससे दैनिक रिपोर्ट में देरी होती है या गलत विवरण प्रस्तुत किया जाता है। मौत के मामलों की रिपोर्ट में देरी होने पर कोविड 19 अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 से होने वाली मौतों की जानकारी को लेकर अस्पतालों, अन्य संस्थानों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। सभी कोविड-19 अस्पताल मौत की रिपोर्ट ईमेल के जरिए प्रतिदिन शाम 5 बजे तक दिल्ली सरकार को भेजेंगे। प्रत्येक कोविड-19 अस्पताल, अन्य स्वास्थ्य संस्थान नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो मौतों की समय पर सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
दरअसल, कोरोना वायरस से मौत के मामलों के दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों और अस्पतालों द्वारा बताई संख्या में अंतर पर भ्रम की स्थिति बन गई, जिसके बाद ये फैसला किया गया है। शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कुछ भी छिपाने की कोई वजह नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी में एक भी मामला ऐसा नहीं होगा जिसे आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों ने रोगियों के मरने की विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी हैं जिनमें मौत के कारण, नाम, आयु और अन्य जानकारी होती है और जिनके आधार पर कोविड-19 के स्वास्थ्य बुलेटिन को अपडेट किया जाता है।
शुक्रवार को सरकार ने दिल्ली में कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या जहां 68 बताई थी, वहीं चार अस्पतालों से मिले आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या 92 थी। इस पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि यह शर्म की बात है कि राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से निपटने के मामले में स्थिति खराब है। वहीं दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
रविवार सुबह सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोरोना के कुल 6923 मामले हैं, जिसमें से 4781 सक्रिय हैं, 2069 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं 73 लोगों की मौत हो चुकी है।