नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता पर केजरीवाल बैठेंगे ऐसा अनुमान तो वोटिंग के तुरंत बाद आए एक्जिट पोल्स के अनुमानों से काफी हद तक साफ हो गया था लेकिन इतने भारी बहुमत के साथ जनता दोबारा सिर आंखों पर बैठाएगी इसको लेकर भी AAP आश्वस्त नजर आ रही थी बहरहाल ऐसा हुआ भी और आम आदमी पार्टी के इस बार 62 विधायक चुनकर आए हैं।
मतलब साफ है कि जनता ने साफ जनादेश देकर पार्टी के नारे को चरितार्थ कर दिया कि लगे रहो केजरीवाल.., वहीं बीजेपी की बात करें तो पार्टी की सीटों में पिछली बार के मुकाबले 5 सीटों का इजाफा हुआ है यानि उसे पछली बार की 3 सीटों के मुकाबले इस बार 8 सीटें मिली हैं।
आम आदमी पार्टी को 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीटों पर जीत मिली है जबकि भाजपा ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी को 2015 में 67 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव आयोग की ओर से घोषित अंतिम नतीजों के मुताबिक आप ने 53.57 फीसदी मतों के साथ कुल 62 सीटों पर जीत दर्ज की है।
भाजपा को 38.51 प्रतिशत मत और आठ सीटों पर जीत मिली। वहीं, कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी।
आम आदमी से जुड़े मुद्दों और विकास के एजेंडे के साथ राजनीति में आये अरविंद केजरीवाल लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में लौटे हैं तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा।दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव (2015) में आम आदमी पार्टी (आप) को कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
केजरीवाल वर्ष 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उस चुनाव में आप ने सिर्फ 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, उनकी यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चल पाई थी।
केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए उनके खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन वह हार गए। उन्होंने 2017 में पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में भी अपनी पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश की। पंजाब में कुछ हद तक उन्हें कामयाबी मिली, लेकिन गोवा में उन्हें सफलता नहीं मिली।
2015 में भी 70 सीटों में से 67 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की थी
केजरीवाल 2013 में पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और तब वह केवल 49 दिनों तक इस पद पर रहे थे लेकिन 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 सीटों में से 67 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की।
अपने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने कई बार भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा था कि उनका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है। हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतते हुए शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रर्दशनों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा।
भाजपा के नेताओं ने उन्हें 'आतंकवादी' कह कर पुकारा लेकिन केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि मतदाता यदि ऐसा समझते है तो वे भाजपा का समर्थन करें और यदि वे उन्हें दिल्ली का बेटा समझते है तो उनकी पार्टी को वोट दे।'
'मफलरमैन' के रूप में है अलग पहचान
‘मफलरमैन’ के रूप में जाने जाने वाले केजरीवाल का जन्म हरियाणा के हिसार में 16 अगस्त, 1968 को गोबिंद राम केजरीवाल और गीता देवी के यहां हुआ था।केजरीवाल अपनी सादगी के लिए जाने जाते है। उनके परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चें-- बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित हैं।
केजरीवाल ने मंगलवार को जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मंच से कहा कि आज उनकी पत्नी सुनीता का जन्मदिन है।वह पूरी तरह से शाकाहारी है और घर में बने खाने को प्राथमिकता देते है।
केजरीवाल ने एक एनजीओ 'परिवर्तन' के जरिये लोगों के साथ झुग्गी झोपड़ी में काम किया।
उन्होंने फरवरी 2006 में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त पद से इस्तीफा दे दिया और वह एक पूरी तरह से सामाजिक कार्यकर्ता बन गये। उन्होंने एक अन्य एनजीओ ‘पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन’ की शुरूआत की।