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दिल्ली सरकार का फरमान-छात्रों एवं मजदूरों से एक महीने का किराया न मांगें मकान मालिक

Updated Apr 23, 2020 | 18:14 IST

Delhi government order to landlords: दिल्ली सरकार ने राज्य में प्रतिदिन होने वाली मौतों का हिसाब रखने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
दिल्ली में मकान मालिकों से छात्रों से किराया न लेने की अपील।
मुख्य बातें
  • दिल्ली में मकान मालिकों के लिए राज्य सरकार ने जारी किया फरमान
  • मजदूर एवं छात्रों से एक महीने का किराया न मांगने का आदेश
  • केजरीवाल सरकार पहले भी मकान मालिकों से कर चुकी है अपील

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी के मकान मालिकों के लिए सख्त आदेश जारी किया है। राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि वे मजदूरों एवं छात्रों से एक महीने का किराया न मांगें। राज्य सरकार ने 22 अप्रैल के अपने आदेश में कहा है, 'जिन इलाकों में कर्मचारियों, प्रवासी मजदूर और छात्र ज्यादा संख्या में रहते हैं, उन इलाकों जिलाधिकारी जागरूकता अभियान चलाएं। जिलाधिकारी प्रभावित लोगों से 100 नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज कराने के लिए कहें।' दिल्ली सरकार पहले भी मकान मालिकों से किराया न मांगने की अपील कर चुकी है।

देश की राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस से संक्रमण की चपटे में है। यहां कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 2248 हो गई है। इस महामारी से अब तक 48 लोगों की मौत हुई है जबकि उपचार के बाद 724 लोगों को ठीक किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे में 1409 नए केस सामने आए हैं और 41 लोगों की जान गई है। गुरुवार को देश में कोविड-19 से संक्रमण की संख्या 21,393 हो गई।

इस महामारी का सबसे ज्यादा प्रकोप महाराष्ट्र में देखा जा रहा है। यहां इस महामारी से संक्रमित होने वाले लोगों का आंकड़ा 5652 हो गया है। राज्य में 269 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली और गुजरात में इस महामारी का संक्रमण सबसे ज्यादा है। गुजरात में कोविड-19 के अब तक 2407 केस सामने आ चुके हैं। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 89 हो गई है।

दिल्ली सरकार ने राज्य में प्रतिदिन होने वाली मौतों का हिसाब रखने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। सरकार ने कहा है कि सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों को कोविड-19 से हुई सभी मौत की सूचना समिति को देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही मौत के ऑडिट के लिए केस शीट भी देनी होगी।

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