नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में लोगों को प्रदूषण से निजात मिलती नहीं दिख रही है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बुधवार को भी प्रदूषण गंभीर स्थिति में दर्ज किया गया, जिसके कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 456 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद घातक है।
दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में जहां एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में 403 पर दर्ज किया गया, वहीं इंडिया गेट के आसपास इसे 'बेहद खराब' श्रेणी में 341 पर दर्ज किया गया। दिल्ली से इतर, गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक्यूआई 456 पर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी एक्यूआई निर्धारित मानक से कई गुना अधिक दर्ज किया गया है।
हवा में प्रदूषक तत्वों की इतने बड़े पैमाने पर मौजूदगी को स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खराब माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषक तत्वों का वातावरण में बिखराव नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण लोगों को प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। हवा की रफ्तार बढ़ने और बारिश होने के बाद ही इससे निजात मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों ने गुरुवार को हवा की रफ्तार बढ़ने का अनुमान जताया है, जिससे प्रदूषण का स्तर गिर सकता है। इस दौरान लगभग 25 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है। मौसम विभाग ने आज (बुधवार, 11 दिसंबर) बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान भी जताया है, जो प्रदूषण से राहत दे सकता है।