- सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर दिल्ली पुलिस ने सुुरक्षा का अभेद्य घेरा बनाया
- कंटीली तारों और सड़क पर कीलें लगाई गईं, सीमेंट से स्थाई बैरिकेडिंग की गई
- 26 जनवरी की हिंसा में 510 पुलिसकर्मी घायल
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 69 दिन से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार का इगो छोड़कर बातचीत करने के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन सरकार का कहना है कि उसकी तरफ से 22 जनवरी को प्रस्ताव दिया जा चुका है और अब तो बातचीत के लिए किसान संगठनों को ही फैसला करना है। इन सबके बीच जिस तरह से दिल्ली की सीमा पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई है उसकी आलोचना किसान संगठन कर रहे हैं। इन सबके बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने आउटर दिल्ली का दौरा किया और क्या कुछ कहा उसे समझना जरूरी है।
'26 जनवरी की हिंसा पर किसी ने कुछ नहीं बोला'
मुझे आश्चर्य है कि जब ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया था, तो पुलिस पर हमला किया गया था, 26 तारीख को बैरिकेड तोड़े गए थे, कोई सवाल नहीं उठाया गया था। अब हमने क्या किया? हमने सिर्फ बैरिकेडिंग को मजबूत किया है ताकि यह फिर से न टूटे।दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए नए सुरक्षा मानदंडों पर दिल्ली गणतंत्र दिवस पर जिस तरह की हिंसा हमने देखी थी। उस समय किसी ने सवाल नहीं उठाया। हमने क्या किया है। हम सिर्फ अपने बैरिकेड्स को मजबूत बना रहे हैं। दिल्ली पुलिस की इस व्यवस्था से अब उत्पाती इतना आसानी से नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
'26 जनवरी को जवाबी कार्रवाई का ना होना अच्छा निर्णय'
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने कहा कि 26 जनवरी को जिस तरह से हम लोग पेश आए वो एक अच्छा निर्णय था जब हमने स्वयं को प्रतिबंधित किया और वापस लाठीचार्ज नहीं किया। वो सिर्फ एक शब्द कहने के लिए आए हैं और वो ये है कि आप सभी बहादुर हैं। आप सभी ने अपना कर्तव्य अच्छे से निभाया।आपके द्वारा दिखाया गया धैर्य और नियंत्रण सही है। हमने ख़ुद को मज़बूत रखना और ख़ुफ़िया रिपोर्टों पर ध्यान केंद्रित करके और रणनीति और विचारों से चिपके रहना है।ऐसे लोग हो सकते हैं जो आपको उकसाने की कोशिश कर रहे हों। लेकिन आप लोग धैर्य को बनाए रखिये। लोगों को समझना हमारा कर्तव्य है। लेकिन हम उन पर आरोप नहीं लगा सकते।
510 पुलिसकर्मी हुए हैं घायल
दिल्ली पुलिस का कहना है कि कृषि कानूनों के विरोध से जुड़ी हिंसा में 510 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। पुलिस कमिश्नर से जब पूछा गया कि क्या पुलिस कर्मियों को स्टील की लाठी दी गई है तो उस सवाल के जवाब में कहा कि वो कुछ नहीं बता सकते। लेकिन पोलिसिंग में इस तरह का हथियार नहीं होता है।