नई दिल्ली : दिल्ली में हिंसा के बाद जनजीवन भले ही धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, लेकिन जिन्होंने अपनों को खोया है उनके लिए शायद ही कभी जिंदगी सामान्य हो पाएगी। दिल्ली में हुई हिंसा के कारण अब तक करीब 43 लोगों की जानें चली गई है जबकि 200 से भी ज्यादा इसमें घायल बताए जा रहे हैं।
दिल्ली में शिव विहार इलाके के एक स्कूल को भी हिंसक प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया जिसमें स्कूलों की बेंच टेबल, लाइब्रेरी सब नष्ट कर दिया गया। उन्मादी भीड़ ने स्कूल के अंदर जमकर उत्पात मचाया और हैवानियत का नंगा नाच खेल कर निकल गए। अब स्कूल की टूटी खिड़कियां टूटे बेंच उस हिंसा की जीती-जागती कहानी कहती नजर आ रही है।
स्कूल के गार्ड ने बताई आखों देखी
स्कूल गार्ड ने रोते हुए पूरी कहानी मीडिया से बयां की। उसने बताया कि हिंसाग्रस्तस इलाके में वह 60 घंटों तक बिना खाना खाए कमरे के अंदर कैद रहा। मनोज ने बताया कि करीब 300-400 लोगों ने स्कूल पर धावा बोल दिया और स्कूल को 60 घंटों के लिए पूरी तरह से हाईजैक कर लिया। मनोज एक ड्राइवर और अपनी फैमिली के साथ एक कमरे में 60 घंटों तक कैद रहा।
हिंसक प्रदर्शनकारियों ने दोनों स्कूलों को लगाई आग
उसने बताया कि हम परिवार और बच्चों के साथ एक कमरे में बंद थे और हमारे पास खाने को कुछ नहीं था। राजधानी मनोज राजधानी पब्लिक स्कूल में गार्ड है। वह बगल में ही एक दूसरे स्कूल के कमरे में कैद हो गया था। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने दोनों स्कूलों को आग लगा दिया।
फर्श पर बिखरी किताबें कह रही है दास्तां
मनोज ने बताया कि दंगाईयों ने राजधानी पब्लिक स्कूल को हमले का केंद्र बनाया था। पास में लगे दूसरे स्कूल से रस्सियां लटका कर वे इस स्कूल में आए फिर उन्होंने स्कूल में ब्लैकबोर्ड, फर्नीचर, बेंच, लाइब्रेरी सब को आग लगा दी। फर्श पर कॉपी और किताबों के पन्ने बिखरे पड़े हैं और उस दौर की कहानी बयां कर रहे हैं।
बच्चों को भी नहीं छोड़ा
उन्होंने बताया कि हिंसक प्रदर्शनकारियों ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा उन्होंने उन्हें भी बुरी तरह से पीटा। 60 घंटों तक कमरे में बंद रहने के बाद आखिरकार जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने खिड़कियां तोड़ कर बाहर निकलना मुनासिब समझा। दंगाईयों ने बृजपुरी के अरुण सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजधानी पब्लिक स्कूल और राजधानी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल तीनों को जला दिया। ये तीनों शिव विहार में स्थित हैं। स्कूल के मालिक फैसल फारुख ने बताया कि पुलिस को कई दफा कॉल करने के बाद भी पुलिस उनकी मदद के लिए नहीं आई।