- इसी साल दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कई बार हो चुके हैं खुलासे
- पुलिस पूछताछ में अतहर नाम के आरोपी ने किए कई खुलासे
- दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए थे 50 से अधिक लोग, कई लोग हुए थे घायल
नई दिल्ली: इसी साल फरवरी में हुए पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर तमाम तरह के खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हिंसा को लेकर जो चार्जशीट फाइल की है उसमें तीन खालिस्तानी समर्थकों, एक सिख अलगावादी आंदोलन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का नाम भी सामने आया है। पाकिस्तान की आईएसआई और खालिस्तान आंदोलन समर्थकों की कथित संलिप्तता का खुलासा उस समय हुआ जब 25 अगस्त को पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपित अतहर खान से पूछताछ की थी।
खालिस्तानी एंगल
भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुसार, पुलिस अधिकारियों द्वारा दर्ज किए गए इस तरह के कबूलनामे सबूत के रूप में अनुचित हैं। इन बयानों को केवल विरोधाभासों को साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और आपराधिक मामलों में आरोपियों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। 25 वर्षीय आरोपी ने कहा कि उसके एक परिचित रिजवान सिद्दीकी ने 10-11 फरवरी को उसे और अन्य लोगों को बताया कि वह शाहीन बाग विरोध स्थल पर खालिस्तान आंदोलन समर्थक बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह से मिला था, जो भारत के खिलाफ चलाए जा रहे मिशन के लिए काम करते थे।
खालिस्तानी समर्थकों ने लिया था विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा
अतहर खान ने बताया, 'बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन पाने का दावा किया और कहा कि एजेंसी ने संदेश दिया है कि खालिस्तान समर्थकों को सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करना चाहिए और सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई में लोगों की मदद करनी चाहिए। रिजवान ने हमें बताया कि इन लोगों (खालिस्तान आंदोलन समर्थकों) ने हमें दंगों का समर्थन देने का वादा किया है और अपने एक आदमी को हमारे विरोध स्थल पर भेजेंगे।'
8-10 दिनों के बाद, एक जबरजंग सिंह चांद बाग विरोध स्थल पर आया और कहा कि उसे बागीचा सिंह ने भेजा है। उसने सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया। दिल्ली के चांद बाग़ इलाके में रहने वाले अतहर ख़ान भी दंगों के साक्षी रहे और उन्हें दंगों के पीछे साजिश रचने से संबंधित मामले में 2 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की वजह से भड़की इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हो गए।
पुलिस ने बनाया है इन्हें आरोपी
यह बयान 16 सितंबर को यूएपीए, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम की विभिन्न धाराओं के तहत 14 अन्य अभियुक्तों द्वारा दायर की गई चार्जशीट का हिस्सा है। इसके अलावा चार्जशीट में ताहिर हुसैन, सफूरा ज़रगर, गुलफिशा खातून, देवांगना कलिता, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल, अब्दुल खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शादाब अहमद, तल्सीम अहमद, सैल का नाम शामिल है। चार्जशीट में ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया गया है।