- भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ऊर्फ रावण को दिल्ली आने की इजाजत
- तीस हजारी कोर्ट ने जमानत की शर्तों में दी ढील, सीएए पर विरोध के दौरान दरियागंज इलाके में हुई थी हिंसा
- चंद्रेशखर आजाद को दिल्ली आने से पहले डीसीपी क्राइम को पूरी जानकारी देनी होगी।
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दरियागंज इलाके में हिंसा के खिलाफ भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ऊर्फ रावण की गिरफ्तारी हुई थी। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी थी कि वो चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे। इस फैसले के संबंध में चंद्रशेखर ने रिव्यू की अपील की थी। चंद्रशेखर आजाद ने अदालत से अपील की थी कि उसे दिल्ली आने की इजाजत दी जाए। वो अदालत को आश्वस्त करना चाहता है कि उसके आने से दिल्ली का माहौल खराब नहीं होगा।
चंद्रशेखर आजाद की जमानत से जुड़ी कुछ शर्तों में बदलाव किया गया है। अह वो दिल्ली आ सकेंगे लेकिन उन्हें आने से पहले डीसीपी क्राइम को जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही तीस हजारी कोर्ट ने अपने संशोधित जमानत आदेश में कहा है कि जब वो दिल्ली आएंगे तो उन्हें अपने पता के बारे में जानकारी देनी होगी। वो डीसीपी को फोन से या ईमेल से इस बात की जानकारी देंगे कि किस समय वो दिल्ली या सहारनपुर में नहीं हैं।
सीएए पर एक पक्ष का कहना है कि यह कानून संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है तो दूसरे पक्ष का कहना है कि वो उन लोगों को आजादी देने का काम कर रहा है जो दशकों से पहचान के मोहताज थे। जहां तक सीएए के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है वो कुछ हताश लोगों अभिव्यक्ति है। सीएए के खिलाफ केरल और पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है और अब पश्चिम बंगाल सरकार भी 27 जनवरी को इस विषय पर विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है।