नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली चार दिनों तक हिंसा के तांडव झेलने के बाद अब शांत है। पर क्या वास्तव में ये शांति है? उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उन इलाकों में, जहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो समूहों में झड़प के बाद हिंसा का ऐसा नंगा नाच शुरू हो गया, जिसमें अब तक 35 जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं, वहां पिछले दो दिनों से शांति जैसा महसूस तो होता है, क्योंकि यहां से किसी हिंसक घटना की रिपोर्ट सामने नहीं आई है, पर यह शांति कम सन्नाटा अधिक मालूम पड़ती है, जिसमें एक अजीब किस्म का तनाव है।
तनावपूर्ण शांति
प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस के रवैये पर उठ रहे सवालों के बीच अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी हुई, जो इन इलाकों में लगातार गश्त लगा रही है। पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान जहां दंगाइयों से सख्ती से निपट रहे हैं, वहीं स्थानीय लोगों से भी मिल रहे हैं, ताकि विश्वास, जो इस हिंसा से डिग गया है, उसे बहाल किया जा सके। प्रभावित इलाकों से लोग अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं, ताकि जान बचा सकें। जो अपने घरों को छोड़कर नहीं जा रहे, उनके दिन-रात दहशत के साये में बीत रहे हैं।
ड्रोन से रखी जा रही नजर
प्रभावित इलाकों में सन्नाटा पसरा है तो लोग खौफ के साये में जी रहे हैं। दंगाइयों से सख्ती से निपटने के लिए पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान सड़कों पर हैं तो आसमान में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। ऐसा ही एक विजुअल दिल्ली पुलिस ने शेयर किया है, जिससे प्रभावित इलाकों के हालात का जायजा मिलता है। ड्रोन अपनी रफ्तार से आसमान में चक्कर लगा रहा है तो नीचे सुरक्षाबलों के जवान मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुटे हैं। सड़कों पर चहलकदमी करते सुरक्षा बलों के जवान दिख रहे हैं तो अपने घरों की छतों पर लोग चहलकदमी करते भी नजर आ रहे हैं।
हर जगह हिंसा के निशान
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के इन इलाकों में हिंसा के निशान अब भी देखे जा सकते हैं। घरों, इमारतों, दुकानों में हुई आगजनी के निशान काले धुएं के रूप में मौजूद हैं तो खाक गाड़ियां भी यहां-वहां पड़ी नजर आ रही हैं, जिन्हें दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। सीएए समर्थक और विरोधियों के बीच झड़प, पत्थरबाजी से शुरू हुई हिंसा में लोग इस कदर एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए कि 35 जिंदगियां इसकी भेंट गई, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दंगे ने उन्हें वो जख्म दिया है, जिसकी टीस से वे शायद ही इस जिंदगी में कभी उबर पाएंगे।