नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य दानिश को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान गलत प्रचार-प्रसार फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दानिश को बाद में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, दानिश पीएफआई सदस्य है और ऐसे इनपुट हैं कि दिल्ली हिंसा के दौरान PFI ने पैसे और लोगों की आपूर्ति की, जिसे पुलिस द्वारा सत्यापित किया जा रहा है।
हिंसा में साजिश को लेकर की जा रही जांच
दानिश के ISKP कैडर दंपति के साथ कोई संबंध नहीं है जिन्हें रविवार को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों ने कहा कि वह 2018 से पीएफआई के साथ काम कर रहा है। वह त्रिलोक पुरी, दिल्ली पीएफआई का महासचिव है। सूत्रों ने आगे बताया कि दानिश फंडिंग के लिए छोटी राशि का उपयोग कर रहा था ताकि एजेंसियों द्वारा उसका पता नहीं लगाया जा सके लेकिन उसके पास अच्छा नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि पुलिस दिल्ली हिंसा और व्यापक साजिश में उसकी भूमिका की जांच कर रही है। उसके खाता की भी जांच की जाएगी।
ये भी जानकारी मिली है कि दानिश शाहीनबाग विरोध प्रदर्शन में नियमित जाता था। नियमित रूप से भोजन के लिए धन उपलब्ध कराता था। पुलिस को उसके विदेशी फंडिंग के भी लिंक मिले हैं।
रविवार को IS संदिग्ध कपल गिरफ्तार
इससे पहले रविवार को आईएस के खोरासान मॉडयूल से संबंधित एक कपल को दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि खुफिया विभाग की जानकारी पर रविवार सुबह यह कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है यह कपल अफगानिस्तान में आईकेएसपी के लोगों से संपर्क में थे और वो हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून खिलाफ जो विरोध हो रहे हैं उसे और भड़काना चाहते थे। जहांनजैब सामी और उसकी पत्नी हिंदा बशीर बेग को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि जहांजैब सामी खुफिया एजेंसियों की नजर में तब आया जब वो अफगानिस्तान में आईकेएसपी के वरिष्ठ सदस्यों के संपर्क में था। आईकेएसपी, आईएस की अफगानिस्ता में शाखा है। पुलिस का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि वो आत्मघाती हमलों के साथ दूसरे हमलों के जरिए भारत को दोहराने की फिराक में था और इसके लिए वो हथियार खरीदने की फिराक में था।
24 फरवरी को शुरू होकर 26 फरवरी तक दिल्ली में हुई हिंसा में कम से कम 200 लोग घायल हो गए थे, सैकड़ों विस्थापित हो गए और कई के रोजगार के जरिए बर्बाद कर दिए गए थे। 53 लोगों की जान चली गई।