- बीएसएफ की एक टीम अपने जवान के घर पहुंची, हिंसा में जला दिया गया था जवान का घर
- बीएसएफ की टीम ने अपने जवान अनीस के पिता से की मुलाकत, दिया मदद का भरोसा
- तीन महीने बाद ही होने वाली है अनीस की शादी, किसी तरह बची थी जान
नई दिल्ली: दिल्ली में हुईं हिंसा के दौरान अभी तक 43 लोगों की जान चले गई है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान किसी को नहीं बख्शा। हिंसक हुई इस भीड़ के गुस्से का सामना सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात जवान मोहम्मद अनीस के परिवार को भुगतना पड़ना। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने अनीस के घर को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान किसी तरह अनीस के परिजनों ने भागकर अपनी जान बचाई।
जवान का दिल्ली में होगा ट्रांसफर
जैसे ही अनीस के घर जलने की खबर बीएसएफ के अधिकारियों को मिली तो उन्होंने तुरंत परिवार से मिलने का फैसला किया। शनिवार को बीएसएफ की एक टीम अपने जवान मोहम्मद अनीस के घर पहुंची और उनके परिजनों से मुलाकात की। उपद्रवियों ने जवान के खजूरी खास स्थित घर में आग लगा दी थी। बीएसएफ के डीआईजी हेडक्वॉर्टर्स पुष्पेंद्र राठौर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि जवान फिलहाल ओडिशा में पोस्टेड है और जल्द ही उसका ट्रांसफर दिल्ली कर दिया जाएगा।
बीएसएफ करेगा मदद
पुष्पेंद्र राठौर ने कहा, 'हमारे साथ बीएसएफ के इंजीनियर भी आए हैं। ये हमारे जवान मोहम्मद अनीस के घर को रिपेयर करेंगे। अपने वेलफेयर फंड से बीएसएफ अनीस के परिवार को आर्थिक मदद देगी और उसका घर बनाने में सहयोग प्रदान करेगी।' आपको बता दें कि जिस दौरान हिंसक प्रदर्शन हुए थे उसके बाद अनीस के परिजनों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई थी। हिंसा के दौरान सभी लोग घर में थे और किसी तरह भागकर अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंचे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने उनकी मदद की। अनीस की तीन महीने बद शादी होने वाली है।
अनीस के पिता ने बताई पूरी कहानी
मोहम्मद अनीस के पिता मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि खजूरी खास में उनके घर को 25 फरवरी की दोपहर को जला दिया गया था। उन्होंने बताया, '25 फरवरी को, जब पथराव किया जा रहा था, मैं 4 अन्य लोगों के साथ घर में था। प्रदर्शनकारियों ने हमें बाहर से बंद कर दिया। बाद में पुलिस ने हमें बचा लिया। प्रदर्शनकारियों ने हमारे घर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। घर में 3 लाख रुपये की नकदी रखी थी। अनीस की शादी की तैयारी चल रही थी, घर के साथ सब कुछ जल गया। हमने किसी को निकलो पाकिस्तानियों कहते हुए सुना।'
युनुस बताते हैं, 'मैं पिछले 40 सालों से दिल्ली में रह रहा हूं और मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम ऐसा कुछ देखेंगे। अनीस ने मुझे धैर्य रखने को कहा। अनीस की शादी तय हो गई है। हमने इस हिंसा के कारण शादी को स्थगित कर दिया है। परिवार गांव चला गया था। मैं उनसे तब तक नहीं आने के लिए नहीं कहूंगा जब तक कि शांति बहाल न हो जाए।'