- कपिल सिब्बल चांदनी चौक से लोकसभा सांसद रहे हैं।
- G-23 समूह के नेताओं ने सिब्बल के घर डिनर में शामिल होने से मना कर दिया है।
- पार्टी विरोधी गतिविधियों और बयानों को लेकर कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। आज दिल्ली के चांदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी ने कपिल सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया। कपिल सिब्बल इसी चांदनी चौक से लोकसभा सांसद रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि घर पर बैठकर पार्टी को सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए मजबूत करने का सुझाव देने वाले को पार्टी में रहने का अधिकार नहीं है। चांदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जावेद मिर्जा ही कपिल सिब्बल के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और देश के जाने माने वकील कपिल सिब्बल से अब पार्टी के ही लोग दूरी बनाते हुए नजर आ रहे हैं। सिब्बल द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू के बाद न सिर्फ पार्टी के G-23 समूह के नेताओं ने सिब्बल के घर डिनर में शामिल होने से मना कर दिया है बल्कि जिस सीट से वह सांसद चुने जाते रहे हैं उसी जिले कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों और बयानों का हवाला देते हुए आज दिल्ली कांग्रेस के दफ्तर में कपिल सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव पास हो गया।
क्या लिखा है कपिल सिब्बल के खिलाफ आए प्रस्ताव में
- कांग्रेस पार्टी ने जिन नेताओं को राष्ट्रीय पहचान दी और जननेता बनने का मौका दिया आज वही पार्टी में रहकर संघी मानसिकता के साथ पार्टी को तोड़ने का कर रहे हैं। पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ लगातार मीडिया में बयानबाजी अनुशासनहीनता है। जबकि सेंट्रल वर्किंग कमेटी की बैठक सर्वसम्मति से तय हुआ कि आप ही (सोनिया गांधी) अध्यक्ष रहेंगी। बावजूद इनके घर की कांग्रेस को सब की कांग्रेस बनाने जैसे अपमानजनक बयान देना दुःखद है, कपिल सिब्बल ने हर मोर्चे पर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
- शायद कपिल सिब्बल यह भूल गए कि कांग्रेस पार्टी ने सता में रहते हुए सबसे अधिक सम्मान किसी को दिया तो वह कपिल सिब्बल ही हैं। कपिल सिब्बल एक अच्छे अधिवक्ता तो हैं लेकिन जिस पार्टी ने उन्हें जननेता बनने का मौका दिया आज उसी मातृ रूपी पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। चुनाव हारने के बाद आज तक जहां चांदनी चौक का कार्यकर्ता अपने कंधे पर झंडा लेकर पार्टी की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है वहीं चुनाव हारने के बाद कपिल सिब्बल एक भी कार्यकर्ता से नहीं मिले।
- कोरोना काल में जहाँ एक एक कार्यकर्ता जन सेवा करता रहा और कई कार्यकर्ताओं का निधन हो गया वहीं उनके पूर्व सांसद अपने संसदीय क्षेत्र से अब भी नदारद हैं। अपने घर पर बैठकर पार्टी को सोशल मीडिया और मीडिया के जरिय मजबूत करने का सुझाव देने वाले कपिल सिब्बल को कांग्रेस पार्टी में रहने का अधिकार नहीं है।
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए प्रस्ताव में चांदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पूर्व सांसद कपिल सिब्बल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
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