गोरखपुर: देश में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन है ऐसे माहौल के बीच किसी की सामान्य तौर पर मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार में भी भारी दिक्कतें आ रही हैं, ऐसे ही गोरखपुर के पड़ोस के देवरिया जिले में लाकडाउन के दौरान सदियों से चली आ रही परंपराएं टूट गयी।
बेटों के घर नहीं पहुंच पाने की स्थिति में बहू ने ही सास का अंतिम संस्कार किया। 70 साल की सुमित्रा देवी के तीन बेटे जिले से बाहर काम करते हैं। वह अपनी बहू नीतू के साथ सलेमपुर थानाक्षेत्र के सोहनाग रोड स्थित किराये के मकान में रहती थीं।
शुक्रवार को अचानक सुमित्रा की तबियत खराब हुई तो बहू उसे एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गयी जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नीतू ने अपने पति और उसके दो भाइयों से आने के लिए संपर्क किया ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें लेकिन लाकडाउन के चलते तीनों ही नहीं पहुंच पाये।
अंतत: नीतू ने सलेमपुर के नगर पंचायत के अध्यक्ष जे पी मधेसिया से संपर्क साधा और सास का अंतिम संस्कार किया। मधेसिया ने कहा कि नीतू एक बहादुर बेटी है और उसने ना सिर्फ सास के शव को कंधा दिया बल्कि चिता को मुखाग्नि भी दी। उन्होंने कहा, 'मुझे उस पर गर्व है।'