Dhakad Exclusive : कानपुर में हिंसा भड़की, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें हयात जफर हाशमी को मुख्य आरोपी बनाया गया। पुलिस को जफर हाशमी के मोबाइल फोन में कई Whatsapp ग्रुप मिले। पुलिस ने उन ग्रुप्स को खंगाला तो कानपुर दंगे की साजिश के तार दिखाई दिए और आज उन्ही Whatsapp ग्रुप्स में से एक ग्रुप से कुछ लोग एग्जिट करते हैं। आप जानते हैं वो कौन लोग हैं। हम आपको बताते हैं। वो समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। वो हाजी इमरान सोलंकी हैं, वो विधायक अमिताभ वाजपेयी है यानी कानपुर हिंसा में समाजवादी कनेक्शन का जांच एजेंसियों को संदेह है। सवाल है कि ये कैसा समाजवाद है। जिसका साथ कानपुर हिंसा में है, ये कैसा समाजवाद है जो आतंकवादियों को बचाने का प्रयास करता है। जैसा कि 2013 में अखिलेश सरकार ने आतंकवादी वलीउल्लाह को बचाने की कोशिश की थी। जिसे 2 दिन पहले वाराणसी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
कानपुर हिंसा की जांच के बीच एक whatsapp ग्रुप सामने आया जिसने उत्तर प्रदेश की सियासत में हंगामा कर दिया। ये एक ऐसा ग्रुप है जिसमें लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। हिंसा भड़काने के मामले में आरोपी निजाम कुरैशी के नाम से ये व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप में शामिल थे समाजवादी पार्टी के 2 विधायक हाजी इरफान सोलंकी जो सीसामऊ से विधायक हैं और अमिताभ बाजपेई जो आर्य नगर विधानसभा से विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेयी ना सिर्फ इस ग्रुप में शामिल थे बल्कि ग्रुप एडमिन भी थे। खबर जैसे ही सामने आई समाजवादी पार्टी के इन दोनों विधायकों ने विवादित ग्रुप छोड़ दिया। अब इरफान सोलंकी साहब की सफाई सुन लीजिए।
इरफान साहब आपकी दलील में दम थोड़ा कम लग रहा है। इरफान सोलंकी को ग्रुप में धर्म विशेष के खिलाफ अभियान नहीं दिखाई दिया। जब धर्म विशेष के दुकान दारों से सामान ना खरीदने का ग्रुप में ऐलान किया गया। अब जब इस व्हाट्सएप ग्रुप से शेयर किए गए आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए। बात कानपुर हिंसा की जांच करने वाली एजेंसी तक पहुंची तब इरफान सोलंकी और अमिताभ वाजपेयी को ग्रुप छोड़ने का खयाल आया और अब इरफान सोलंकी देश के विकास की बात कर रहे हैं। हिंदू मुस्लिम सदभावना की बात कर रहे हैं।
इस व्हाट्सएप ग्रुप को अमिताभ बाजपेई जो आर्यनगर विधानसभा से विधायक हैं उन्होंने भी आन फानन में छोड़ दिया। सवाल तो उन पर भी है कि वो ऐसे ग्रुप में क्या कर रहे थे जिस ग्रुप से हिंसा फैलाई जा रही थी नफरत फैलाई जा रही थी। आर्यनगर के लोग अमिताभ वाजपेयी से बहुत नाराज हैं। कानपुर हिंसा की जांच कर रही एजेंसियों को फिर जांच करना होगा कि जिस व्हाट्स ऐप ग्रुप से अमिताभ वाजपेयी जुड़े थे वो भड़का रहा था या शांति बहाल करने की कोशिश में लगा था। बहरहाल समाजवादी विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ वाजपेयी दोनों ही किसी भड़काऊ व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े होने की बात से इनकार कर रहे हैं।
कानपुर हिंसा में समाजवादी पार्टी के विधायकों के नाम आ रहे हैं तो वहीं बेगुनाहों को बम ब्लास्ट में उड़ा देने वाले आतंकवादी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को आतंकवादी नहीं लगते। और ऐसा हम क्यों कह रहे हैं उसका ताजा तरीन उदाहरण अभी हाल ही में सामने आया है। उदाहरण का नाम है। आतंकवादी वलीउल्लाह, जिसे अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है और सरकार रहते जिसका केस अखिलेश यादव ने वापस लेने की हिमायत की थी।